Yo Yo Honey Singh Transformation Lose 17 kg weight trainer Revealed his Diet Workout Secret

2000 के दशक के एंड में म्यूजिक इंडस्ट्री में धूम मचाने वाले भारत के सबसे फेमस रैपर्स में से एक, 'यो यो' हनी सिंह की फिटनेस जर्नी, फिजिकल और मेटली दोनों तरह से एक उतार-चढ़ाव भरी रही है. उन्होंने करीब 5 साल तक बाइपोलर डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जंग लड़ी थी.

2000 के दशक के एंड में म्यूजिक इंडस्ट्री में धूम मचाने वाले भारत के सबसे फेमस रैपर्स में से एक, ‘यो यो’ हनी सिंह की फिटनेस जर्नी, फिजिकल और मेटली दोनों तरह से एक उतार-चढ़ाव भरी रही है. उन्होंने करीब 5 साल तक बाइपोलर डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जंग लड़ी थी.

. वे इस बीमारी की वजह से साढ़े तीन साल तक घर से बाहर भी नहीं निकले. उन्हें शराब की लत भी लग गई थी. इस दौरान उनका वजन भी काफी बढ़ गया था लेकिन फिर उन्होंने खुद को हेल्दी लाइफ जीने के लिए प्रेरित किया और आज वे फैट से फिट हो गए हैं.

. वे इस बीमारी की वजह से साढ़े तीन साल तक घर से बाहर भी नहीं निकले. उन्हें शराब की लत भी लग गई थी. इस दौरान उनका वजन भी काफी बढ़ गया था लेकिन फिर उन्होंने खुद को हेल्दी लाइफ जीने के लिए प्रेरित किया और आज वे फैट से फिट हो गए हैं.

अपने ट्रेनर अरुण कुमार की गाइडेंस में, रैपर ने एक बैलेंस डाइट और वर्कआउट रूटीन को फॉलो किया था जिसके कारण उनका वजन कम हुआ.

अपने ट्रेनर अरुण कुमार की गाइडेंस में, रैपर ने एक बैलेंस डाइट और वर्कआउट रूटीन को फॉलो किया था जिसके कारण उनका वजन कम हुआ.

हाल ही में आजतक को दिए इंटरव्यू में हनी सिंह के ट्रेनर ने बताया कि रैपर ने आखिर किस डाइट और वर्कआउट प्लान से अपना वजन कम किया था. ट्रेनर ने बताया कि हनी सिंह की डाइट में एक स्पेशन ग्रीन जूस था. पोषक तत्वों से भरपूर इस जूस ने उनके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद की थी.

हाल ही में आजतक को दिए इंटरव्यू में हनी सिंह के ट्रेनर ने बताया कि रैपर ने आखिर किस डाइट और वर्कआउट प्लान से अपना वजन कम किया था. ट्रेनर ने बताया कि हनी सिंह की डाइट में एक स्पेशन ग्रीन जूस था. पोषक तत्वों से भरपूर इस जूस ने उनके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद की थी.

ट्रेनर ने हनी सिंह के इस जूस की रेसिपी भी बताई. उन्होंने बताया कि चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है और यह ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है. वहीं आंवला  विटामिन सी से भरपूर होता है  जो डाइजेशन और फैस कम करने में मदद करता है. वहीं  खीरा शरीर को हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है और टॉक्सिक सब्सटेंस को बाहर निकालता है. गाजर बेहतर डाइजेशन में मदद करने के साथ-साथ शरीर को महत्वपूर्ण विटामिन भी प्रदान करती है. धनिया की पत्तियां पाचन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती हैं.

ट्रेनर ने हनी सिंह के इस जूस की रेसिपी भी बताई. उन्होंने बताया कि चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है और यह ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है. वहीं आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है जो डाइजेशन और फैस कम करने में मदद करता है. वहीं खीरा शरीर को हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है और टॉक्सिक सब्सटेंस को बाहर निकालता है. गाजर बेहतर डाइजेशन में मदद करने के साथ-साथ शरीर को महत्वपूर्ण विटामिन भी प्रदान करती है. धनिया की पत्तियां पाचन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती हैं.

उन्होंने बताया कि इस ग्रीन जूस को सुबह-सुबह खाली पेट लेना होता है जिससे शरीर सभी न्यूट्रिएंट्स को आसानी से एब्जॉर्व कर लेता है.

उन्होंने बताया कि इस ग्रीन जूस को सुबह-सुबह खाली पेट लेना होता है जिससे शरीर सभी न्यूट्रिएंट्स को आसानी से एब्जॉर्व कर लेता है.

उन्होंने कहा, एक महीने में 17 किलो वजन कम करने के लिए डिसिप्लिन की जरूर होती है और हनी सिंह की डाइट ने उनके ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभाई. उनका मॉर्निंग मील में फाइबर और न्यूट्रिशयन के लिए ग्रीन जूस, ब्लेंडेड वेजिटेबल्स और उनका पल्प शामिल था.

उन्होंने कहा, एक महीने में 17 किलो वजन कम करने के लिए डिसिप्लिन की जरूर होती है और हनी सिंह की डाइट ने उनके ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभाई. उनका मॉर्निंग मील में फाइबर और न्यूट्रिशयन के लिए ग्रीन जूस, ब्लेंडेड वेजिटेबल्स और उनका पल्प शामिल था.

हनी सिंह के लंच में  प्रोटीन और कार्ब बैलेंस बनाए रखने के लिए चावल के साथ उबला हुआ चिकन शामिल खा.ईवनिंग मील में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए सब्जियों का सूप या उबला हुआ चिकन एड किया गया था. वहीं डिनर में फाइबर और विटामिन के लिए हरी सब्जियों या सूप शामिल थे.

हनी सिंह के लंच में प्रोटीन और कार्ब बैलेंस बनाए रखने के लिए चावल के साथ उबला हुआ चिकन शामिल खा.ईवनिंग मील में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए सब्जियों का सूप या उबला हुआ चिकन एड किया गया था. वहीं डिनर में फाइबर और विटामिन के लिए हरी सब्जियों या सूप शामिल थे.

वेट लॉस के दौरान हनी सिंह ने प्रोसेस्ड फूड, चीनी और शराब से परहेज किया था और उन्होंने नेचुरल  और पौष्टिक खाने से ही एनर्जी ली. केवल डाइट ही नहीं हनी सिंह ने वेट लॉस के लिए इंटेंस वर्कआउट रूटीन को भी फॉलो किया था. मसल्स बिल्डिंग और फैट लॉस के लिए उन्होंने स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की वहीं कैलरी बर्न करने के लिए कार्डियो सेशन लिया. उन्होंने 20-25 हाई रैप ट्रेनिंग की. चाहे सुबह हो या देर रात, वह कभी वर्कआउट सेशन नहीं छोड़ते थे.

वेट लॉस के दौरान हनी सिंह ने प्रोसेस्ड फूड, चीनी और शराब से परहेज किया था और उन्होंने नेचुरल और पौष्टिक खाने से ही एनर्जी ली. केवल डाइट ही नहीं हनी सिंह ने वेट लॉस के लिए इंटेंस वर्कआउट रूटीन को भी फॉलो किया था. मसल्स बिल्डिंग और फैट लॉस के लिए उन्होंने स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की वहीं कैलरी बर्न करने के लिए कार्डियो सेशन लिया. उन्होंने 20-25 हाई रैप ट्रेनिंग की. चाहे सुबह हो या देर रात, वह कभी वर्कआउट सेशन नहीं छोड़ते थे.

केवल डाइट ही नहीं हनी सिंह ने वेट लॉस के लिए इंटेंस वर्कआउट रूटीन को भी फॉलो किया था. मसल्स बिल्डिंग और फैट लॉस के लिए उन्होंने स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की वहीं कैलरी बर्न करने के लिए कार्डियो सेशन लिया. उन्होंने 20-25 हाई रैप ट्रेनिंग की. चाहे सुबह हो या देर रात, वह कभी वर्कआउट सेशन नहीं छोड़ते थे.

केवल डाइट ही नहीं हनी सिंह ने वेट लॉस के लिए इंटेंस वर्कआउट रूटीन को भी फॉलो किया था. मसल्स बिल्डिंग और फैट लॉस के लिए उन्होंने स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की वहीं कैलरी बर्न करने के लिए कार्डियो सेशन लिया. उन्होंने 20-25 हाई रैप ट्रेनिंग की. चाहे सुबह हो या देर रात, वह कभी वर्कआउट सेशन नहीं छोड़ते थे.

वेट लॉस के लिए स्पलीमेंट्स लेने की बजाय हनी सिंह ने नेचुरल फूड पर ही फोकस किया था.उनकी डाइट में रोज 60 ग्राम प्रोटिन होता था.

वेट लॉस के लिए स्पलीमेंट्स लेने की बजाय हनी सिंह ने नेचुरल फूड पर ही फोकस किया था.उनकी डाइट में रोज 60 ग्राम प्रोटिन होता था.

Published at : 05 Mar 2025 10:57 AM (IST)

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