नई दिल्ली। टीम इंडिया (Team India) दो दिन के आराम के बाद सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ तैयारी शुरु कर दी है। नेट्स पर वैसे तो सबकुछ ठीक लग रहा था। पर जैसे ही निगाह टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) पर गई लगा कि दाल में कुछ काला है, क्योंकि शमी न तो नेट्स पर गेंदबाजी की और न ही फील्डिंग सेशन में हिस्सा लिया।
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सूत्रों से पता चला है कि शमी का न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ खेलना मुश्किल है और क्यास ये भी लग रहे है कि वो पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो सकते हैं। अब हर किसी के मन में ये ख्याल आ सकता है कि क्या शमी को सिर्फ पिंडली में समस्या है या उनकी घुटने की चोट एक बार फिर उभर आई है? प्रैक्टिस सेशन में शमी जिस तरह से अपने दोनों घुटनों को स्ट्रैप करके रखते नजर आए वो कोई अच्छे संकेत नहीं हैं।
शमी का फिटनेस अपडेट
पाकिस्तान के खिलाफ जब शमी ने जिस तरह की आउट आफ कंट्रोल गेंदबाजी से शुरुआत की और फिर वो कुछ ही देर में मैदान से वापस चले गए। तभी ये क्यास लगने लगे थे कि शमी पूरी तरह फिट नहीं है। अब दो दिन के बाद जो प्रेक्टिस सेशन हुआ उसने तो लगभग मुहर ही लगा दी कि शमी शायद ही न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ खेल पाए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शमी पिंडली की चोट से तो परेशान है कि जिस पैर पर गेंदबाजी करते हुए लैंड करते है। उसमें उनको परेशानी हो रही है। आपको याद होगा पाकिस्तान के खिलाफ पहले ओवर में शमी ने 5 वाइड फेंकी थी जिसका एक बड़ा कारण ये था कि वो बॉलिंग क्रीज पर ठीक से लैंड नहीं हो पा रहे थे।
10 साल से परेशान है शमी
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ऑस्ट्रेलिया में खेले गए वर्ल्ड कप के दौरान मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के घुटने में परेशानी शुरु हुई थी। तब वो इंजेक्शन लेकर सारे मैच खेले थे जिसका जिक्र खुद शमी ने किया था। उसके बाद से लगातार शमी इस समस्या से लड़ते रहे और साल 2023 वर्ल्ड कप के दौरान शमी के घुटने की समस्या एक बार फिर उभर आई और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में भी वो इंजेक्शन ले कर मैदान पर उतरे। उस मैच में भी शमी वो गेंदबाजी नहीं कर पाए जो उन्होंने लीग मैचों में की थी नतीजा भारत फाइनल हार गया। इस फाइनल के बाद शमी ने घुटनों की सर्जरी कराई और इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज से मैदान पर वापस आए पर असली रंग उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जमाया और अपने 10 ओवर का कोटा भी पूरा किया। अब सवाल बड़ा ये है कि शमी का न्यूजीलैंड (New Zealand) के न खेलना उतना मायने नहीं रखता जितना कि वो सेमीफाइनल में उनके न खेलने से फर्क पड़ेगा।
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