केबल एंड वायर कारोबार में अल्ट्राटेक की एंट्री के एलान से पूरे स्पेस में खलबली मच गई है। केबल & वायर शेयरों में आज भारी गिरावट आई है। पॉलीकैब, KEI, हैवेल्स जैसे शेयरों का अच्छा खासा मार्केट कैप साफ हो गया है। इस स्पेस पर अल्ट्राटेक की एंट्री से क्या असर पड़ेगा, इसकी एनालिसिस करते हुए हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने बताया कि आज केबल एंड वायर कारोबार में अल्ट्राटेक की एंट्री की खबर के चलते हैवेल्स का 6935 करोड़ रुपए का मार्केट कैप साफ हो गया। वहीं, पॉलीकैब का 13000 करोड़ रुपए, KEI इंडस्ट्रीज का 6480 करोड़ रुपए, RR KABEL का 1620 करोड़ रुपए और फिनोलेक्स केबल्स का 720 करोड़ रुपए का मार्केट कैप साफ हो गया है। कुल मिला कर देखें तो इस खबर के चलते आज सभी वायर एंड केबल कंपनियों को मिलाकर 28755 करोड़ रुपए का मार्केट कैप साफ हो गया है।
अल्ट्राटेक के वायर-केबल सेगमेंट में एंट्री से मायूसी का आलम यह है कि खुद अल्ट्राटेक सीमेंट का मार्केट कैप आज 15000 करोड़ रुपए गिर गया है। केबल और वायर स्टॉक्स के वैल्युएशन भी मंहगे हैं। अल्ट्राटेक PE रेश्यो के 47 गुना पर, हैवेल्स PE रेश्यो के 63 गुना पर, KEI इंडस्ट्रीज PE रेश्यो के 63 गुना पर, RR KABEL PE रेश्यो के 42 गुना पर, पॉलीकैब PE रेश्यो के 40 गुना पर और फिनोलेक्स केबल्स PE रेश्यो के 24 गुना पर ट्रेड कर रहा है।
कंपनियों का कैपेक्स प्लान
कंपनियों के कैपेक्स प्लान पर नजर डालें तो अल्ट्राटेक की 2 साल में 1800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है। वही, पॉलीकैब की 5 साल में 6000-8000 करोड़ रुपए की, हैवेल्स की 2 साल में 1000 करोड़ रुपए की, KEI इंडस्ट्रीज की 2-3 साल में 1000 करोड़ रुपए की, RR KABEL 3 साल में 1200 करोड़ रुपए की और फिनोलेक्स केबल्स की 200 करोड़ रुपए की निवेश योजना है। केबल एंड वायर मार्केट में पावर ट्रांसमिशन एंड बिल्डिंग सेगमेंट की हिस्सेदारी 50 फीसदी और केबल एंड वायर मार्केट की हिस्सेदार 39 फीसदी है।
भारत के केबल एंड वायर मार्केट की बात करें तो वित्त वर्ष 2027 तक इस मार्केट का आकार 1.25 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। इस अवधि में इस सेक्टर में सालाना 12-14 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-29 के बीच इस सेक्टर की ग्रोथ रेट 11-13 फीसदी रह सकती है। (सोर्स: CRISIL और ब्रोकर रिपोर्ट)।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि केबल एंड वायर इंडस्ट्री में 13 फीसदी की मजबूत सालाना ग्रोथ और निर्यात बढ़त की संभावना है। इस सेक्टर में अल्ट्राटेक के प्रवेश से वित्त वर्ष 2028 या उसके बाद मामूली प्रभाव पड़ने की संभावना है। ब्रोकरेज का कहना कि केबल एंड वायर इंडस्ट्री में बहुत सारे संगठित और असंगठित सेक्टर के खिलाड़ी है। इस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी की बाजार हिस्सेदार 18 फीसदी से भी कम है। इस सेक्टर में डिस्ट्रीब्यूशन से संबंधित बारीकियां केबलों के लिए रिकमेंडेशन काफी अहम होते हैं।
नुवामा का कहना है कि इस सेक्टर में अल्ट्राटेक के आने से असंगठित क्षेत्र की बाजार हिस्सेदारी, संगठित क्षेत्र की ओर बढ़ती दिख सकती (संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2019 के 68 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 73 फीसदी हो सकती है) है। साथ ही संगठित क्षेत्र के खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। केबल एंड वायर इंडस्ट्री में नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की टॉप पिक्स में केईआई इंडस्ट्रीज,पॉलीकैब और हैवेल्स बनी हुई हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि हमें इस बात पर ध्यान रखना होगा कि इस सेक्टर में अल्ट्राटेक सीमेंट अपने निवेश योजना में कितनी और बढ़त करता है।
जेफरीज का कहना है इस सेक्टर में दिखने वाली किसी तात्कालिक प्रतिक्रिया का इस्तेमाल अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों को खरीदने के अवसर के रूप में किया जाना चाहिए। हालांकि केबल एंड वायर सेगमेंट और सीमेंट सेगमेंट का कस्टमर बेस एक ही जैसा होता लेकिन इसकी बिक्री के चैनल एक समान नहीं हैं।
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दूसरी तरफ सिटी का कहना है बड़े नजरिए से देखें तो यह कदम छोटा है,लेकिन केबल एंड वायर सेगमेंट में प्रवेश से सीमेंट सेक्टर की शुद्ध कंपनी के रूप में अल्ट्राटेक सीमेंट की स्थिति को नुकसान पहुंच सकता है। ब्रोकरेज ने आगे कहा कि अगले दो सालों में 1,800 करोड़ रुपये का निवेश कंपनी के फ्री कैश फ्लो का लगभग 13 फीसदी होगा। हालांकि,इस कारोबार से लगभग 1,200 करोड़ रुपये की कमाई की अनुमान है,जो वित्त वर्ष 2027 के अनुमानित आय का 14 फीसदी है।
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