Mahashivratri 2025 Rare coincidence after 149 year special yoga shiv shani shower blessings

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि इस बार बेहद खास मानी जा रही हैं. शिवरात्रि के दिन सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे. करीबर 149 साल बाद इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग का संयोग बन रहा है.

ग्रहों के दुर्लभ योग में शिव पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं, ऐसी मान्यता है. इस योग में की गई पूजा-पाठ से कुंडली से जुड़े ग्रह दोष भी शांत हो सकते हैं. जानें महाशिवरात्रि पर कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं.इससे क्या लाभ मिलेगा.

महाशिवरात्रि पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग

  • महाशिवरात्रि पर शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा, इसके साथ राहु भी रहेगा। ये एक शुभ योग है.
  • इसके अलावा सूर्य-शनि कुंभ राशि में रहेंगे. सूर्य शनि के पिता हैं और कुंभ शनि की राशि है. ऐसे में सूर्य अपने पुत्र शनि के घर में रहेंगे.
  • शुक्र मीन राशि में अपने शिष्य राहु के साथ रहेगा. कुंभ राशि में पिता-पुत्र और मीन राशि में गुरु-शिष्य के योग में शिव पूजा की जाएगी.
  • ऐसा योग 149 साल बाद है. 2025 से पहले 1873 में ऐसा योग बना था, उस दिन भी बुधवार को शिवरात्रि मनाई गई थी.
  • फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि 26 फरवरी, धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है.

सूर्य, बुध और शनि योग

महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे. इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग 2025 से पहले 1965 में बना था. सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं और सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे. यह एक विशिष्ट संयोग है, जो लगभग एक शताब्दी में एक बार बनता है, जब अन्य ग्रह और नक्षत्र इस प्रकार के योग में विद्यमान होते हैं.

इस प्रबल योग में की गई साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्रदान करती है. पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण योग का बड़ा लाभ मिलता है. इस योग में विशेष प्रकार से साधना और उपासना की जानी चाहिए.

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर ग्रहों के दुर्लभ योग, जलाभिषेक का मुहूर्त, विधि, कथा, मंत्र सब यहां देखें

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