Ideas of India Summit 2025 How aware are people about mental health in India Dr Pratima Murthy jahanvi phalkey Shubha tole

Ideas Of India Summit 2025: एबीपी की खास पेशकश ‘आइडियाज ऑफ इंडिया समिट’ की स्टेज पर डॉक्टर प्रतिमा मूर्ति उपस्थित हैं. जैसा कि आपको पता है डॉक्टर प्रतिमा मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में काम करने का लगभग 30 सालों का एक्सपीरियंस है साथ ही उनके नाम असाधारण उपलब्धियां भी जुड़ी हुई है. डॉक्टर  प्रतिमा ने बताया कि हमारे देश में से हर 10 में से 1 व्यक्ति मेंटल हेल्थ की समस्या से गुजर रहा है. 

एबीपी न्यूज़ के इस इवेंट में डॉक्टर ने बताया कि मेंटल हेल्थ की स्थिती अगर ग्लोबल लेबल पर देखें तो 5 में से 1  व्यक्ति मेंटल डिसऑर्डर का शिकार है. ऐसी स्थिती में सबसे जरूरी है कि लोगों को मेंटल डिसऑर्डर को लेकर जागरूक किया जाए. कई लोग ऐसे हैं जो साइकोलॉजिकल स्ट्रेस से गुजर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोग पूरी जिंदगी मानसिक बीमारी से जूझते हैं वहीं कुछ ऐसे होते हैं जो कुछ वक्त तक झेलते हैं और फिर एक टाइम के बाद डॉक्टर की सहायता वह ठीक हो जाते हैं.  

मेंटल हेल्थ के कारण समय से पहले मृत्यु हो जाती है

जो लोग मानसिक बीमारी के शिकार हैं सबसे जरूरी है कि वक्त रहते उन तक सहायता पहुंचाई जाए.  अगर कोई व्यक्ति फिजिकली या किसी भी तरह की क्रोनिक डिसऑर्डर से जूझ रहा है तो वैसे लोगों को भी मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर हो सकता है.  इसकी वजह से व्यक्ति अपनी उम्र से 10-15 साल पहले ही मृत्यु की गोद में चले जाते हैं. 

डिमेंशिया का शिकार होने पर किए जाते हैं ये टेस्ट

ह्यूमन ब्रेन को समझना काफी ज्यादा मुश्किल है. ब्रेन इमेजिंग के जरिए ये चेक किया जाता है कि ब्रेन की कौन सी नसें एक्टिव हैं और कौन सी नॉन एक्टिव है. जब कोई व्यक्ति डिमेंशिया का शिकार होता है तो हम उसके ब्रेन की नसों को खास टेस्ट के जरिए चेक करते हैं. 

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इस एरिया में सबसे जरूरी चीज है कि यंग माइंड को ट्रेनिंग दिया जाना चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बारे में मेंटल हेल्थ को जागरूक किया जाए. 

टेक्नोलॉजी हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है.इसके कुछ फायदे हैं तो कई सारे नुकसान भी है. आजकल हेल्थ के क्षेत्र में कई सारी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. ताकि लोगों तक अच्छी सुविधा पहुंचाई जा सके. लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स देखें तो टेक्नोलॉजी के कारण आजकल सोशल कनेक्शन पूरी तरह से खत्म होता जा रहा है. इसके सबसे गंभीर साइडइफेक्ट्स यह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं काफी ज्यादा टीवी और फोन का इस्तेमाल करती हैं. जिसका असर बच्चों पर पड़ता है.  टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अच्छी चीजों के लिए होना चाहिए न कि इसका इस्तेमाल गलत तरीके से नहीं करना चाहिए. 

मेंटल डिसऑर्डर

एंग्जायटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस होने के बाद भी कई बार लोग सेशन लेते हैं लेकिन कई बार लोग स्वीकार भी नहीं करते हैं. आज भी हमारे समाज में इसे लेकर स्टीगमा है. अगर कोई व्यक्ति एक्यूट डिप्रेशन का शिकार है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसे लेकर लोगों को आगे बढ़ना चाहिए. नेशनल मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम इस दिशा में काम करती है.  आजकल लोग जैसी दूसरी बीमारी का इलाज करवाते हैं वैसे ही उन्हें अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर सही से इलाज करवाना चाहिए. इस पर बात होनी चाहिए. परिवार को अपने बच्चे को इस दिशा गाइड करना चाहिए.  

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