
फाल्गुन कृष्ण की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है, जोकि इस साल 24 फरवरी 2025 को पड़ रही है. वैसे तो सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. लेकिन इस एकादशी का संबंध भगवान राम से भी है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका पर जीत हासिल करने से पहले भगवान श्रीराम ने भी विजया एकादशी का व्रत किया था. इसलिए इस एकादशी को विजय प्राप्ति दिलाने वाला व्रत माना जाता है. विजया एकादशी के व्रत से शत्रुओं और विरोधियों का नाश होता है.

सभी एकादशी की तरह विजया एकादशी पर भी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन मस्तक पर सफेद या गोपी चंदन लगाकर पूजा करना अधिक शुभ होता है. पूजा में मौसमी फल अर्पित करना चाहिए. इसके बाद कथा का पाठ करें और आरती करें.

विजया एकादशी के दिन व्रत रखना चाहिए. आप कम से कम एक समय (बेला) का उपवास जरूर करें. इसके बाद सात्विक चीजें खा सकते हैं. इस व्रत में फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना,शकरकंद, नारियल, दूध आदि का सेवन किया जा सकता है

अगर आप सेहत संबंधी परेशानी के कारण इस दिन व्रत नहीं रख सकते तो चावल, बैंगन, मसूर की दाल, लहसुन-प्याज युक्त भोजन और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.

एकादशी व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन करें, जैसे कि इस दिन गलत विचार और व्यवहार से दूर रहें, अधिक से अधिक श्रीहरि का ध्यान करें, क्रोध से बचें, कम बोले और आचरण पर नियंत्रण रखें.
Published at : 20 Feb 2025 07:59 PM (IST)
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