health tips high cholesterol symptoms in body know how to control

कोलेस्ट्रॉल फैटी सब्सटेंस होता है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है.इसकी मदद से टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन बनाने और विटामिन-D बनता है. हमारा शरीर इसे दो तरह से लेता है. एक खानपान और दूसरा लिवर से. लिवर जरूरत पड़ने पर शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल से लेकर शुगर तक बनाने में सक्षम है. लेकिन सैचुरेटेड फैट जैसे वनस्पति तेल, रेड मीट, तली चीजें, पिज्जा, बर्गर जैसी चीजों से बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को बढ़ाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो शरीर पर किस जगह इसके लक्षण नजर आते हैं.

कोलेस्ट्रॉल फैटी सब्सटेंस होता है, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी है.इसकी मदद से टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन बनाने और विटामिन-D बनता है. हमारा शरीर इसे दो तरह से लेता है. एक खानपान और दूसरा लिवर से. लिवर जरूरत पड़ने पर शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल से लेकर शुगर तक बनाने में सक्षम है. लेकिन सैचुरेटेड फैट जैसे वनस्पति तेल, रेड मीट, तली चीजें, पिज्जा, बर्गर जैसी चीजों से बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को बढ़ाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो शरीर पर किस जगह इसके लक्षण नजर आते हैं.

स्किन (Skin): कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के कुछ लक्षण त्वचा पर नजर आते हैं. ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के कारण त्वचा पर पीले चकत्ते या लंप बनते हैं, जो अक्सर आंखों के आसपास या कोहनी-घुटनों पर दिखाई देते हैं.

स्किन (Skin): कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने के कुछ लक्षण त्वचा पर नजर आते हैं. ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के कारण त्वचा पर पीले चकत्ते या लंप बनते हैं, जो अक्सर आंखों के आसपास या कोहनी-घुटनों पर दिखाई देते हैं.

हाथ-पैर (Hands and Feet): कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर कुछ लक्षण हाथ-पैरों पर भी दिखाई देते हैं. कोलेस्ट्रॉल जमा होने से आर्टरीज संकरी होने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है. इसके कारण हाथ या पैर में झनझनाहट या किसी फिजिकल एक्टिविटी से पैरों में अकड़न हो सकता है.

हाथ-पैर (Hands and Feet): कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर कुछ लक्षण हाथ-पैरों पर भी दिखाई देते हैं. कोलेस्ट्रॉल जमा होने से आर्टरीज संकरी होने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है. इसके कारण हाथ या पैर में झनझनाहट या किसी फिजिकल एक्टिविटी से पैरों में अकड़न हो सकता है.

पाचन तंत्र (Digestive System): हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से डाइजेस्टिव सिस्टम भी प्रभावित होता है. इससे पित्त की थैली (Gall Bladder) में स्टोन्स बन सकते हैं. पेट की दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द भी हो सकता है. इसे  इग्नोर नहीं करना चाहिए.

पाचन तंत्र (Digestive System): हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से डाइजेस्टिव सिस्टम भी प्रभावित होता है. इससे पित्त की थैली (Gall Bladder) में स्टोन्स बन सकते हैं. पेट की दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द भी हो सकता है. इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए.

हार्ट डिजीज (Heart Disease) :कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल से जुड़ी समस्याएं होना सबसे कॉमन होती हैं. आर्टरीज में प्लेग जमा होने से ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है. इससे सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है. आर्टरीज ब्लॉक होने पर हार्ट अटैक भी हो सकता है. 6

हार्ट डिजीज (Heart Disease) :कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल से जुड़ी समस्याएं होना सबसे कॉमन होती हैं. आर्टरीज में प्लेग जमा होने से ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है. इससे सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है. आर्टरीज ब्लॉक होने पर हार्ट अटैक भी हो सकता है. 6

दिमाग पर असर प्लेग की वजह से अगर आर्टरी फट या ब्लॉक हो जाएतो इसका असर दिल के साथ दिमाग पर भी पड़ता है और स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है. यह कई बार जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए खानपान पर खास ध्यान रखना चाहिए.

दिमाग पर असर प्लेग की वजह से अगर आर्टरी फट या ब्लॉक हो जाएतो इसका असर दिल के साथ दिमाग पर भी पड़ता है और स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है. यह कई बार जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए खानपान पर खास ध्यान रखना चाहिए.

Published at : 19 Feb 2025 06:59 AM (IST)

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