12 साल की उम्र से कविताओं से प्यार
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में बंगाली परिवार में हुआ था. पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय साइंटिस्ट और मां सुंदरी देवी बांग्ला कविताएं लिखती थीं. सरोजिनी के भाई हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय भी एक कवि थे. 8 भाई-बहनों में वह सबसे बड़ी थीं. घर में लिखने-पढ़ने के माहौल का उन पर काफी असर पड़ा और 12 साल की उम्र में कविताएं लिखनी शुरू कर दी.
मैट्रिक टॉप, इंग्लैंड से हायर एजुकेशन
सरोजिनी नायडू ने 12 साल की उम्र में ही मद्रास यूनिवर्सिटी से मैट्रिक परीक्षा टॉप कर लिया था. उनकी प्रतिभा को देखते हुए हैदराबाद के निजाम कॉलेज में उन्हें एडमिशन मिला. 16 साल की उम्र में हायर एजुकेशन के लिए इंग्लैंड चली गईं. वहां किंग्स कॉलेज, लंदन और गिरटन कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की.
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19 की उम्र में शादी, गांधी जी से मुलाकात
सरोजनी नायडू (Sarojini Naidu) की शादी 19 साल की उम्र में डॉ. गोविंद राजालु नायडू से हुई. 1914 में उनकी मुलाकात पहली बार महात्मा गांधी से हुई. यहीं से देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ीं और गांधी के भारत आने से पहले उनके साथ दक्षिण अफ्रीका में भी काम किया. 1925 में उन्हें भारतीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. वो पहली भारतीय महिला थीं, जो कांग्रेस की कमान संभाल रही थीं.
केसर-ए-हिंद का सम्मान
जब भारत में प्लेग महामारी फैली, तब सरोजनी नायडू ने लोगों के लिए खूब काम किया और उनकी मदद की. उनके योगदान को देखते हुए 1928 में उन्हें केसर-ए-हिंद का सम्मान दिया गया.
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