Experts views : निफ्टी का ओवरऑल ट्रेंड निगेटिव, 23400 का सपोर्ट टूटने पर 23200 तक की गिरावट मुमकिन – market outlook overall trend of nifty is negative if the support of 23400 is broken then a fall to 23200 is possible

Stock Market : 10 फरवरी को भारतीय इक्विटी इंडेक्स निफ्टी के 23,400 से नीचे चला गया और निगेटेव नोट पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 548.39 अंक या 0.70 फीसदी नीचे 77,311.80 पर और निफ्टी 178.35 अंक या 0.76 फीसदी नीचे 23,381.60 पर बंद हुआ। मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि शुरुआती कारोबार से ही बाजार में निराशा का माहौल रहा। कॉरपोरेट अर्निंग्स में गिरावट और ग्लोबल टैरिफ वॉर को लेकर जारी अनिश्चितता के कारण शेयरों में गिरावट आई। रुपये में कमजोरी थमने के कोई संकेत नहीं दिखने के कारण, विदेशी निवेशक सुरक्षित अमेरिकी फाइनेंशियल असेट्स में निवेश करने के लिए बाहर निकलने का रास्ता अपना रहे हैं। इससे मार्केट सेंटीमेंट पर भारी असर पड़ रहा है। चूंकि वैल्यूएशन महंगा बना हुआ है, इसलिए मिड और स्मॉल कैप शेयरों में गिरावट जारी है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा और निफ्टी 178 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। गिरावट के साथ खुलने के बाद, सत्र के शुरुआती हिस्से में बाजार में और गिरावट आई। बाद में निफ्टी कारोबारी सत्र के मध्य से लेकर बाद के हिस्से में मामूली तेजी के साथ सीमित दायरे में घूमता दिखा।

डेली चार्ट पर एक लॉन्ग बियरिश कैंडल बनी है। यह 23400 के स्तर (10/20-डे ईएमए और पोलैरिटी में बदलाव के मुताबिक सपोर्ट) के अहम क्लस्टर सपोर्ट से नीचे जाने लगी है। यह एक अच्छा संकेत नहीं है। 23220 पर स्थित अगले सपोर्ट स्तर से नीचे गिरने पर हायर टॉ और बॉटम जैसे तेजी वाले चार्ट पैटर्न निष्प्रभावी हो सकते हैं और इसका बाजार पर ज्यादा निगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। निफ्टी का ओवरऑल रुझान नकारात्मक बना हुआ है। 23400 के अहम सपोर्ट से नीचे जाने के बाद,हम उम्मीद कर सकते हैं कि निफ्टी 23200 तक गिर सकता। इसके बाद शॉर्ट टर्म में इसमें और गिरावट आ सकती है। निफ्टी के लिए 23500 के स्तर पर तत्काल रेजिस्टेंस है।

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ की धमकियों ने बाजार के सेंटीमेंट को खराब कर दिया है। घरेलू यील्ड में भी बढ़त हो रही है क्योंकि निवेशक जोखिम वाले निवेशक विकल्पों को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं और अपने निवेश को सोने जैसे सुरक्षित विकल्प में डाल रहे हैं।

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