बेंगलुरु। बेंगलुरु में एशिया के सबसे बड़े एयर शो Aero India 2025 का उद्घाटन सोमवार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए हुए श्री सिंह कहा कि एयरो इंडिया 2025, महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम है, जो आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग-थलग नहीं है। सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हैं। आज, रक्षा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहा है।
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Attended the Inaugural Ceremony of #AeroIndia2025 in Bengaluru today.
Aero India 2025, a confluence of critical & frontier technologies, will provide a platform to further strengthen relations among like-minded countries based on mutual respect, mutual interest and mutual… pic.twitter.com/gyyThatAx9
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 10, 2025
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श्री सिंह ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम के आयोजकों और प्रतिष्ठित प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि “EDGE” अर्थात वैश्विक जुड़ाव के माध्यम से रक्षा सहयोग को सक्षम बनाने की थीम पर आयोजित किया जा रहा यह CEO राउंड टेबल, टिकाऊ और दीर्घकालिक साझेदारी बनाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।
Speaking at the CEO’s Round Table Conference at #AeroIndia 2025 in Bengaluru. https://t.co/3QUPQPl15E
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 10, 2025
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे देश में मानव संसाधन का एक बड़ा भंडार है। वे आवश्यक कौशल से लैस हैं। कुशल युवा दुनिया में तेजी से बदलते रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के अनुरूप खुद को लगातार अपडेट करते रहते हैं। साथ ही, मैं आप सभी से भी आग्रह करता हूं कि आप अपने फीडबैक के साथ आगे आएं, ताकि हम मिलकर बेहतर और अधिक सुरक्षित भविष्य के लिए काम कर सकें।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि आज के समय में आत्मनिर्भरता न केवल एक रणनीतिक विकल्प और अवसर है, बल्कि एक तरह की मजबूरी भी है। इन अवसरों को युवा पीढ़ी के उच्च तकनीक वाले कार्यबल द्वारा बढ़ावा मिलता है, जो इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए तैयार हैं और एक बेहतरीन स्टार्टअप इकोसिस्टम है। उन्होंने कहा कि मैं सीईओ की इस शानदार सभा से आग्रह करना चाहूंगा कि वे आगे आएं और विस्तारित भारतीय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा पेश किए गए अवसरों का लाभ उठाएं। ये अवसर रक्षा उत्पादन में हमारी ‘आत्मनिर्भरता’ की नीतियों से प्रेरित हैं और अनुकूल नीति व्यवस्था द्वारा सुगम बनाए गए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने रक्षा क्षेत्र में तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य से आने वाली चिंताओं को रेखांकित करने के लिए कुछ चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। इन सभी चुनौतियों के लिए विशिष्ट लक्षित समाधान और जवाबी उपायों की आवश्यकता है। भारत सरकार न केवल इन गतिशीलताओं से पूरी तरह अवगत है, बल्कि उनसे निपटने के लिए तैयार भी है। यहीं पर हमने पारदर्शी नियम, प्रक्रियाएँ और नीतियां बनाई हैं जो उद्योग के अनुकूल हैं।
उन्होंने कहा कि हाल के संघर्षों में ड्रोन का उपयोग यह संकेत देता है कि भविष्य मानवयुक्त, मानवरहित और स्वायत्त युद्ध प्रणालियों के एकीकृत प्रयासों पर निर्भर करेगा। इसलिए, रक्षा विनिर्माण पर हमारे प्रयासों को इन उभरते क्षेत्रों के लिए जवाबी उपाय बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है, इसलिए हमें लगातार समाधान अपनाने और सुधारने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, पहले शुद्ध हार्डवेयर आधारित प्रणालियों पर निर्भरता तेजी से सॉफ्टवेयर आधारित प्रणालियों द्वारा प्रतिस्थापित हो रही है। आज, सैन्य अभियानों में संचार और डेटा साझा करने की प्रकृति बहुत अधिक जटिल होती जा रही है। अंतरिक्ष आधारित नेविगेशन सिस्टम, अंतरिक्ष आधारित संचार और निगरानी पर हमारी निर्भरता का तात्पर्य है कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों को हमारी परिचालन योजनाओं में एकीकृत करना होगा।
इस कॉन्क्लेव का सार यह है कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी रक्षा निर्माता और सेवा प्रदाता बनाने के लिए कैसे हाथ मिलाया जाए। यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम तकनीक और अन्य जैसी नई तकनीकी क्रांतियों की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए।
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