Rupee hits new record low: ट्रंप टैरिफ का चाबुक रुपये पर पड़ा भारी, औंधे मुंह गिरा, 87.96 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा – the rupee was hit hard by trumps tariffs fell sharply and reached a new record low of 8796

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ योजना लागू होने के कारण डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 10 फरवरी को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.9563 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।

डॉलर के मुकाबले रुपया आज 87.92 रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया रुपया 87.43 के स्तर पर बंद हुआ था जो कि 49 पैसे कमजोरी दर्शाता है। 9 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम के अमेरिका में सभी इंपोर्ट्स पर 25% टैरिफ की घोषणा करेंगे। जिसका असर आज रुपये पर भी साफ नजर आ रहा है।

ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर प्रेस से बात करते हुए कहा कि टैरिफ सभी देशों से मेटल इंपोर्ट पर लागू होंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि टैरिफ कब से लागू होंगे। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह इस सप्ताह के अंत में उन देशों पर पारस्परिक (रिसिप्रिकल) टैरिफ की घोषणा करेंगे, जो अमेरिका से उनके यहां आने वाले सामानों पर टैक्स लगाते हैं।

टैरिफ लगाने के फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखने को मिली और यह 108.33 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया। जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 108.040 पर था। 10.23 बजे के आसपास डॉलर इंडेक्स 0.22फीसदी की बढ़त के साथ 108.28 के स्तर पर नजर आया।

नए केंद्रीय बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के नेतृत्व में पहली बार हुई आरबीआई एमपीसी की बैठक में धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2026 के लिए बजट पेश करने के एक सप्ताह बाद, लगभग पांच वर्षों में पहली बार ब्याज दरों में कटौती की गई है। आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.8 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है।

गौरतलब हो कि आरबीआई बोर्ड की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए गवर्नर मल्होत्रा ​​ने रुपये के गिरते स्तर के बारे में भी बात की थी। उन्होंने कहा कि RBI किसी खास स्तर या बैंड को लक्ष्य नहीं बनाता है और वह केवल भारी वौलेटिलिटी को रोकने के लिए हस्तक्षेप करता है। उन्होंने कहा कि रुपए पर बना दबाव मुख्यतः ट्रम्प की टैरिफ घोषणाओं के कारण है। आगे इसमें सुधार देखने के मिल सकता है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा,”रुपये में गिरावट का मुख्य कारण ट्रम्प से जुड़ी टैरिफ घोषणाएं और ग्लोबल अनिश्चितताएं हैं। इसलिए उम्मीद है कि यह स्थिति ठीक हो जाएगी और रुपये में गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।”

इस साल मोमेंटम में नहीं वैल्यू में बनेगा पैसा, अनुज सिंघल से जानें किस सेक्टर के वैल्यूएशन हैं सबसे शानदार

Read More at hindi.moneycontrol.com