
बागपत। जिला जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी विकास उर्फ गुड्डू (50) की शनिवार को हृदयगति रुकने से मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। जेल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर खेकड़ा कोतवाली में तहरीर दी है।
खेकड़ा के मोहल्ला रामपुर के रहने वाले लोकेंद्र ने बताया कि उसके तहेरे भाई विकास उर्फ गुड्डू और बॉबी को हत्या के मुकदमे में वर्ष 2022 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से गुड्डू जिला जेल में बंद है। छह महीने पहले गुड्डू को हार्ट अटैक होने पर उपचार कराया गया था। चिकित्सकों ने गुड्डू के हृदय में तीन स्टंट डाले और इसकी जानकारी भी जेल प्रशासन को दी गई थी।
आरोप है कि छह फरवरी की शाम गुड्डू ने फोन कर जेल के अधिकारी और जेल में तैनात चिकित्सक के सही उपचार नहीं करने के बारे में बताया था। इसके बाद शनिवार की सुबह भाई जितेंद्र और भाभी कौशल जेल में मुलाकात करने गए तो वहां गुड्डू की तबीयत खराब होने की जानकारी मिली। तभी जेल की एंबुलेंस बाहर आई तो उसमें गुड्डू का शव पड़ा हुआ था।
उन्होंने एंबुलेंस में बैठे सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की, लेकिन उन्होंने गुड्डू की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए जिला अस्पताल जाने को कह दिया। जबकि गुड्डू की पहले ही मौत हो चुकी थी। जिला अस्पताल लेकर जाने पर गुड्डू को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने जेल प्रशासन पर सही उपचार नहीं करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने उन्हें समझाकर शांत कराया। मृतक के परिजनों ने खेकड़ा कोतवाली में तहरीर देकर जेल अधीक्षक, जेलर और जेल के चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की।
खेकड़ा के रहने वाले रामकुमार ने दिसंबर 2014 में चांदीनगर थाने में अपने भाई जयकिशन की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें रामकुमार ने खेकड़ा के रहने वाले विनय, बॉबी और गुड्डू पर उधार दिए रुपये मांगने पर हुए विवाद में पेंचकस घोंपकर जयकिशन की हत्या करने और हादसा दिखाने के लिए पांची में सड़क किनारे शव फेंककर ट्रक से कुचलने का आरोप लगाया था। इसमें विनय की पहले मौत हो गई थी, जबकि न्यायाधीश ने बॉबी और गुड्डू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
बॉबी की भी इस तरह हुई थी मौत
लोकेंद्र ने बताया कि अप्रैल 2024 में बॉबी की भी जिला जेल में हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। उन्होंने दोनों कैदियों की हृदयगति रुकने की बीमारी को लेकर भी सवाल उठाए।
मेडिकल पर्ची पर मृतक के हाथ का अंगूठा लगवाया
खेकड़ा के जितेंद्र का आरोप है कि जेल की एंबुलेंस में गुड्डू का शव जिला अस्पताल लेकर जा रहे सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की तो उन्होंने एक कागज दिखाया, जिस पर ब्लड प्रेशर और पल्स रेट बढ़ी दिखाकर उसके जिंदा होने का दावा किया गया। उस मेडिकल पर्ची पर मरीज गुड्डू का अंगूठा भी नहीं लगा हुआ था। इसका विरोध करने पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें भी एंबुलेंस में बैठा लिया। आरोप है कि रास्ते में मृतक के हाथ का अंगूठा मेडिकल पर्ची पर लगवाया गया। परिजनों ने एंबुलेंस की हालत भी काफी खराब होने की बात कही।
भाई ने तहरीर देकर लगाया हत्या का आरोप
बंदी विकास की मौत होने के बाद कोतवाली में दी तहरीर में भाई जितेंद्र ने हत्या का भी आरोप लगाया। उन्होंने मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच की जाएगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
ये बोले जेलर
छह माह पहले गुड्डू के हृदय में स्टंट डाला गया था। शनिवार को उसके सीने में अचानक तेज दर्द हुआ तो जेल के अस्पताल में उपचार और ईसीजी कराई गई। प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गया। उससे मुलाकात के लिए आए परिजनों को एंबुलेंस में बैठाकर जिला अस्पताल भेजा गया।
– राजेश कुमार राय, जेलर, जिला जेल
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