Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: नागा साधु महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण माने जाते हैं क्योंकि ये महज कुंभ के दौरान ही दिखाई देते हैं. नागा साधु अपनी रहस्यमयी दुनिया में रहते हैं. कुंभ के बाद इन्हें आमतौर पर देखना मुश्किल है.
यही वजह है कि महाकुंभ में नागा साधु का जीवन, उनके इतिहास और श्रृंगार के बार में हर कोई जानना चाहता है. नागा साधुओं को आपने बिना वस्त्र के सिर्फ रुद्राक्ष की माला धारण किए देखा होगा. क्या आप जानते हैं आखिर क्यों नागा साधु रुद्राक्ष की माला पहनते हैं.
महाकुंभ में नागा साधु क्यों पहनते हैं रुद्राक्ष माला
नागा साधु अधिककर नग्न अवस्था में रहते हैं. नागा साधु भस्म और रुद्राक्ष धारण करते हैं. रुदाक्ष नागा साधुओं के लिए कवच का काम करता है. नागा साधु लगातार घूमते रहते हैं. कई जगह का वातावरण उनके लिए अनुकूल नहीं होता है, नकारात्मक ऊर्जा उन्हें परेशान कर सकती हैं.
महाकुंभ में भी करोड़ो लोग आते हैं, ऐसे में खुद को नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखने के लिए नागा साधु सदा रुद्राक्ष की माला धारण किए होते हैं.
रुद्राक्ष माला साधुओं के साधना में आवश्यक भूमिका निभाती है, इसमें विशिष्ट चुंबकीय और ऊर्जा संतुलन विशेषताएं होती हैं, जो नागा साधुओं को इस पवित्र समय में अपनी भक्ति और तपस्या को और भी गहराई से निभाने में सहायता करती है.
शिव का वरदान है रुद्राक्ष
नागा साधु के आराध्य शिव जी है और रुद्राक्ष महादेव का ही दिव्य वरदान है. पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि यह रुद्र, अर्थात् शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है. कहते हैं कि शिव हजारों वर्षों तक आंखें बंद करके ध्यान में बैठे रहे. जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो उनके नेत्रों से परमानंद के आंसू बहे, जो पृथ्वी पर गिरे और पवित्र रुद्राक्ष बन गए. ये मोती दुनिया को शिव की देन हैं।’
साधुओं के गले में रुद्राक्ष की माला शिव से गहन आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक माना जाता है.
रुद्राक्ष माला पहनने के फायदे
आमतौर पर चिंता, अवसाद, अनिद्रा ये सभी हमारे मन में बहुत अधिक विचारों के उमड़ने के कारण होते हैं और माना जाता है कि रुद्राक्ष माला को धारण करने से या माला को जपने से इन सभी समस्याओं का समाधान खोजने में मदद मिलती है, मानसिक और शारीरिक पीड़ाएं भी दूर होती है.
Naga Sadhu: नागा साधुओं के वो अनसुने रहस्य, जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे आप
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