Mahakumbh Stampede Meaning of Moksha in Sanatana Dharma

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति की इच्छा हर साधक को होती है. भी चाहते हैं कि जन्म मरण के इस चक्कर से उनको मुक्ति मिले और दोबारा उनको जन्म लेकर इस धरती पर न लौटना पड़े. मोक्ष प्राप्ति के लिए कर्म के अलावा व्यक्ति अपने जीवनकाल में तमाम तरह के जतन करता है. कहा जाता है कि महाकुंभ में अमृत स्नान करने वालों के लिए भी मोक्ष के रास्ते खुल जाते हैं.

हाल ही में महाकुंभ में भगदड़ मची थी जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई. इस भगदड़ के बाद मोक्ष को लेकर चर्चा तेज हो गई है. आइए जानते हैं क्या है मोक्ष, सनातन धर्म में इसको लेकर क्या कहा गया है. किन लोगों को मिलता है मोक्ष.

मोक्ष क्या है ?

मोक्ष जन्म-मरण के बंधनों से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाने का नाम है. कर्म ही मोक्ष का आधार है. कर्म का अर्थ है करनी. कहते हैं ना जैसी करनी वैसी भरनी अर्थात अच्छे, ईमानदार, मेहनती काम का फल सदा अच्छा होता है लेकिन अगर इसी कर्म में लेष मात्र भी लोभ, वासना, क्रोध, घृणा का भाव है तो उसका फल नहीं मिलता. मोक्ष प्राप्ति के लिए भी व्यक्ति को इन तमाम चीजों का त्याग करना पड़ता है.

शिव पुराण में मोक्ष

हिमालय से निकली हुई पुण्य सलिला गंगा सौ मुख वाली नदी है. इसके तट पर काशी, प्रयाग आदि पुण्य क्षेत्र हैं. यहां स्नान करने वालों को परमगति प्राप्त होती है. शिव पुराण के अनुसार जो व्यक्ति जीवन में श्रद्धा भाव से भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, काशी के दर्शन कर लेता है या फिर मानसरोवर (क्षीर सागर) का पानी पी लेता है, वह जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो सकता है.

किन लोगों को मिलता है मोक्ष

न्यायागतधनः कुर्वन्वेदोक्तं विधिवत्क्रमात्। गृहस्थोपि विमुच्येत श्राद्धकृत्सत्यवाक् शुचिः।।

देवी पुराण के इस श्लोक में कहा गया है. जो गृहस्थ इमानदारी से धन कमाता है, बिना अधिकार के किसी का धन नहीं लेता. शास्त्रों में बताई गई विधियों से श्राद्ध कर्म करता हो, हमेशा सत्य बोलता हो. शरीर और मन से पवित्र रहता हो. ऐसा इंसान गृहस्थाश्रम में रहते हुए भी मोक्ष का अधिकारी हो जाता है. ऐसे में यह जरुरी नहीं कि सिर्फ सन्यासी या साधु ही परमगति को प्राप्त कर सकते है.

गीता में मोक्ष

गीता में भी मोक्ष के चार मार्ग बताये गए हैं, जो हैं – कर्मयोग, सांख्ययोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग. श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति का कर्म और आचरण, ज्ञान, योग, ध्यान, भक्ति इत्यादि ही उसे मोक्ष की और ले जा सकती है.

इन कामों से मिलता है मोक्ष

  • जो व्यक्ति नियमित तुलसी की पूजा करता हो या उसे नियमित भगवान विष्णु को अर्पित करता हो, वह आत्मा भी पूर्वजन्म के कर्मों से मुक्त होकर जन्म मृत्यु के चक्र से बाहर निकल आता है.
  • कहते हैं कि जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है, उसके न केवल सभी पाप नष्ट हो जाते हैं बल्कि उसे मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.
  • गंगा स्नान से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है.

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