
प्रयागराज। महाकुंभ से सटे छतनाग गांव के किनारे अवैध रूप से बनी टेंट सिटी ‘जस्ट ए शिविर’ आगजनी की घटना के 36 घंटे बाद बंद करा दी गई। फजीहत के बाद शनिवार को फूलपुर एसडीएम की अगुवाई में पहुंची राजस्व टीम ने यह कार्रवाई की। नायब तहसीलदार ने टेंट सिटी संचालकों, जमीन के काश्तकार समेत आठ के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
महाकुंभ मेला के सेक्टर-22 से कुछ दूर नीबी-भतकार के कछार में अवैध रूप से टेंट सिटी का खुलासा तब हुआ, जब बृहस्पतिवार को यहां आग लगी और 15 लग्जरी कॉटेज खाक में मिल गए। डेढ़ करोड़ के नुकसान का दावा भी किया गया। यहां अग्निशमन विभाग से लेकर मेला प्रशासन तक के अफसर दौड़े, आग भी बुझाई। लाखों के संसाधन खर्च किए, लेकिन पांव तले की जमीन तब खिसकी जब यह पता लगा कि करीब डेढ़ सौ कॉटेज वाली यह टेंट सिटी बगैर किसी की इजाजत के ही खड़ी हो गई है।
विदेशी, एनआरआई और लग्जरी सुविधाओं की चाह में महाकुंभ आने वाले लोगों के लिए 20 बीघे में बनाई टेंट सिटी में ऐसे ही लोग रह भी रहे थे। सवाल उठा कि टेंट सिटी से रोजाना लाखों की कमाई किसकी शह पर हो रही है? बावजूद इसके पोल खुलने के 24 घंटे बाद तक मेला प्रबंधन और फूलपुर तहसील के एसडीएम जांच से ही पल्ला झाड़ते रहे।
शनिवार को आला-अफसरों के निर्देश पर एसडीएम फूलपुर दिग्विजय सिंह, नायब तहसीलदार रवींद्रनाथ रावत, राजस्व निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर जांच करने पहुंचे। इसकी पुष्टि भी हुई कि टेंट सिटी के संचालकों को कहीं से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला था। टेंट सिटी पूरी तरीके से अवैध है। टीम को यहां मिले ठेकेदार महावीर सिंह ने बताया कि टेंट सिटी का संचालन प्रणव पाल, स्वामी अविमुक्तानंद गिरि, मुकेंद्रा सिंह गुर्जर और आलोक श्रीवास्तव कर रहे थे।
टीम ने किसानों से भी बात की। इसके बाद नायब तहसीलदार रवींद्र रावत ने महावीर सिंह, प्रणव पाल, जूना अखाड़े के स्वामी अविमुक्तानंद गिरि, मुकेंद्रा सिंह गुर्जर, आलोक श्रीवास्तव, सत्यम व उसके पिता मुन्ना के खिलाफ झूंसी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसडीएम दिग्विजय सिंह ने बताया कि टेंट सिटी को पूरी तरह बंद करा दिया गया है। जल्द ही आरोपियों के गिरफ्तारी भी होगी। पुलिस इसके प्रयास कर रही है।
जमीन के मालिक और भतकार गांव निवासी बड़े लाल यादव ने जांच टीम को बताया कि यह जमीन पार्किंग बनाने की बात कहकर ली गई थी। ठेकेदार महावीर सिंह ने बताया कि सत्यम व मुन्ना निवासी उस्तापुर ने दिलाई थी। किसान के बयान पर भी गंभीर सवाल यह है कि आखिर जब वहां पार्किंग के बजाय इतनी बड़ी संख्या में टेंट और कॉटेज लग रहे थे तो उन्होंने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया। जाहिर है, पैसे के लालच में सभी एक दूसरे से मिले हुए थे।
जांच टीम जिस वक्त पहुंची, टेंट सिटी में दर्जनों लोग रह रहे थे। इनमें देसी-विदेशी श्रद्धालु भी थे। प्रशासन ने इनसे भी बात की। इसके बाद टेंट सिटी में तालाबंदी कराकर उन्हें मेला क्षेत्र में छुड़वा दिया।
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