बजट 2025 पर एक्सपर्ट्स की राय, ‘मध्यम वर्ग को कर राहत के अलावा बाजार के लिए बजट में कुछ नहीं है खास’ – experts opinion on budget 2025 apart from tax relief to the middle class there is nothing special in the budget for the market

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2025 पेश किए जाने के बाद इक्विटी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। निवेशकों ने कर राहत उपायों के अलावा अन्य घोषणाओं पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। बढ़त के साथ खुलने वाले सेंसेक्स और निफ्टी बाद में वोलेटाइल हो गए। अंत सेंसेक्स 494.1 अंक गिरकर 77,006.47 पर और एनएसई निफ्टी 162.35 अंक गिरकर 23,346.05 पर बंद हुआ। बाजार जानकारों ने इस गिरावट के लिए बजट में कैपिटल मार्केट के लिए किसी बड़े प्रोत्साहन के अभाव और कई अहम सेक्टरों के लिए कम सरकारी आवंटन की चिंताओं को जिम्मेदार ठहराया।

लेमन मार्केट्स डेस्क के सतीश चंद्र अलूरी ने कहा,” मध्यम वर्ग को मिले कर राहत को छोड़ दें तो बजट बाजार के लिए निराशाजनक रहा, जिससे शुरुआती बढ़त गायब हो गई। मीडियम और स्मॉल-कैप शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। पूंजीगत व्यय में नरमी के कारण इंफ्रा और कैपिटल गुड्स शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। पीएसयू शेयरों,विशेष रूप से रेलवे और डिफेंस में उच्च आवंटन की उम्मीदों पर दिन के शुरुआत में तेजी आई थी । लेकिन बजट से उम्मीदें टूटने के बाद इनमें गिरावट आई।”

मध्यम वर्ग को कर में मिली राहत

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत सीतारमण ने घोषणा की कि अब सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट दी जाएगी, साथ ही खर्च योग्य आय को बढ़ाने के उद्देश्य से स्ट्रक्चर्ड स्लैब प्रणाली भी लागू की जाएगी। एक्सिस सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ प्रणव हरिदासन ने कहा, “मध्यम वर्ग के लिए बहुत जरूरी आयकर राहत से उपभोग और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। सिक्योरिटी लेनदेन कर या पूंजीगत लाभ कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है।”

पूंजीगत व्यय और राजकोषीय घाटा

सरकार ने 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 11.2 लाख करोड़ रुपये रखा है,जो पिछले साल की तुलना में मामूली रूप से ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम आक्रामक पूंजीगत व्यय से संसाधनों के कुशल उपयोग की ओर बदलाव का संकेत है। हालांकि,कुछ विश्लेषकों ने कहा कि बुनियादी ढांचे और पूंजीगत वस्तुओं में अपेक्षा से कम आवंटन ने बाजार सेंटीमेंट को प्रभावित किया। मिरे एसेट शेयरखान के गौरव दुआ का कहना है कि बजट में प्रमुख क्षेत्रों में सरकारी खर्च में कमी रही है। इससे कैपिटल गुड्स, इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे से संबंधित शेयरों में गिरावट आई।

इस बीच, वित्त मंत्री ने फिस्कल कंसोलीडेशन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और 2025-26 में राजकोषीय घाटे (फिस्कल डेफिसिट) को सकल घरेलू उत्पाद के 4.4 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य रखा।

बाजार जानकारों का मानना ​​है कि सरकार का राजकोषीय अनुशासन एक सकारात्मक कदम है, लेकिन बाजार को मजबूत ग्रोथ ओरिएंटेड उपायों की उम्मीद थी। ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर और फंड मैनेजर दिवम शर्मा ने कहा कि कर राहत से मांग और खपत को बढ़ावा मिलेगा जो मौजूदा आर्थिक मंदी को देखते हुए बहुत जरूरी है।

इनवेस्टमेंट बैंकरों को खपत वाले शेयरों में नए अवसर दिख रहे हैं। उनका मानना है कि इस सेक्टर में विलय और अधिग्रहण में बढ़त की संभावना है। आनंद राठी एडवाइजर्स के सीईओ समीर बहल ने कहा कि मध्यम वर्ग पर फोकस करने से घरेलू उपभोग,बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इस सेक्टर में सौदेबाजी की गतिविधि बढ़ेगी।

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बजट में आयकर संबंधी चिंताओं को संबोधित किया गया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना ​​है कि पूंजी बाजार के प्रोत्साहन और विकास के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है। सेंट्रम ब्रोकिंग में रिटेल ब्रोकिंग के सीईओ संदीप नायक ने कहा,”बाजार निवेश को बढ़ावा देने के लिए और अधिक ठोस कदमों की उम्मीद कर रहा था। सीमित फिस्कल स्पेस के साथ सरकार को विकास और स्थिरता को संतुलित करना पड़ा है।”

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