Basant Panchami 2025: जो चीज जिंदगी में हर पल हमारे साथ होती है, वो है हमारा ज्ञान. इसके बिना सफलता के पहले पायदान तक पहुंचना भी मुश्किल है. इसलिए कहा जाता है कि ज्यादा से ज्यादा ज्ञान हासिल करें. ज्ञान ही वह भंडार है , जिससे खूब सारा धन और मान-सम्मान हासिल किया जा सकता है. हमारे पास जितना ज्ञान होगा, जीवन का संघर्ष उतना आसान हो जाएगा.
बसंत पंचमी सरस्वती के प्रकट होने का दिन है. जिन लोगों पर देवी सरस्वती की कृपा होती है, उन्हें देवी लक्ष्मी की कृपा भी जरूर मिलती है. यानी जो लोग ज्ञानी हैं, उनके जीवन में धन की कमी भी नहीं होती है. ज्ञानी व्यक्ति हर स्थिति में सकारात्मक रहता है.
बसंत पंचमी 2025 पूजा मुहूर्त
बसंत पंचमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल 2025 में माघ पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. ऐसे में बसंत पंचमी रविवार 2 फरवरी को मनाई जाएगी. मां सरस्वती का एक नाम ‘श्री’ भी है, इसलिए इस दिन को ‘श्री पंचमी’ भी कहते हैं. इस दिन सरस्वती पूजा का मुहूर्त सुबह 9 बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस समय मां सरस्वती की पूजा करें. आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं.
बिना पंचांग देखें कर सकते हैं हर काम
बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है यानी यह साल के उन खास दिनों में है, जिस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. इस दिन ग्रह-नक्षत्रों का संयोग विशेष रूप से अनुकूल होता है. बसंत पंचमी के दिन चंद्रमा भी शुभ स्थिति में होते हैं, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है. पूजा-पाठ, व्रत, दान, विशेष विधि से हम हमारी इच्छाओं मनोकामनाओं अभिलाषाओं को पूरा कर सकते हैं. इस दिन पीले परिधान पहनने का रिवाज है, जो बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है और इससे ज्ञान, शुभता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ये रंग ज्ञान, आध्यात्मिकता और विकासशीलता का प्रतीक है. इस रंग में क्षमा, गंभीरता, उत्पादन, स्थिरता, वैभव, मजबूती, संजीदगी एवं भारीपन का गुण है. पीला रंग पसंद करने वाले लोग तेज बुद्धि और अच्छी याददाश्त वाले होते हैं.
मां सरस्वती की कृपा से ही सभी जीवों को वाणी, ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति हुई. वाणी की देवी होने के कारण ही मां सरस्वती न केवल आपकी बुद्धि को प्रभावित करती हैं बल्कि आपकी कही गयी बात भी सत्य कर सकती हैं. इसलिए, न केवल संभलकर बोलना चाहिए. बल्कि बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद पाने के लिए माता सरस्वती की वंदना भी जरूर करनी चाहिए.
बसंत पंचमी उपाय (Basant Panchami 2025 Upay for Students)
- विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत खास होता है. विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती को सफेद चंदन अर्पित कर ‘ऊँ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे स्टडी, करियर में सफलता के अवसर प्राप्त होते हैं.
- स्मरण शक्ति में वृद्धि एवं विद्या प्राप्ति या फिर स्टडीज में समस्या आ रही है, तो आप अपने बच्चों की स्टडी टेबल की ड्रॉवर में एक केसर की डिब्बी, तीन अभिमंत्रित हल्दी की साबुत गांठ, सवा सौ ग्राम साबुत नमक,अभिमंत्रित पंचरत्न तथा प्राणसिद्ध विद्याकारक कौड़ियां सभी वस्तुओं को आज के दिन पीले कपड़े में बांधकर रख दें. जिसके प्रभाव से आपके बच्चे का मन विद्या में लगेगा. साथ ही जो भी वो पढ़ेगा वह लम्बे समय तक याद भी रहेगा.
- यदि आपका बच्चा अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होकर पढ़ाई नहीं कर पा रहा है, तो इसके लिए अपने बच्चे से देवी सरस्वती की पूजा कराएं. बच्चे के हाथों से पीले फल, पुष्प, केसर के पीले चावल मां सरस्वती को चढ़ाएं, ऊँ हृं हृं हृं सरस्वत्यै नमः।। मंत्र की 1 माला का जाप करें या फिर माता-पिता करें. मां सरस्वती की तस्वीर स्टडी टेबल या स्टडी रूम में रख दें. इससे देवी प्रसन्न होती हैं और आपके बच्चे के मानसिक विकास का आशीर्वाद देते हैं.
- बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना पीले रंग के वस्त्र पहनकर करें और ’ऊँ ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।’ मंत्र का 108 बार जप करें. साथ ही माता को पीले रंग के पुष्प और पीले चावल अर्पित करें. ऐसा करने से बच्चों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है तथा वाणी दोष भी दूर होता है.
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