Budget 2025 Draupadi handling finance deparment during mahabharat era

Union Budget 2025: जैसे की हम सब जानते है की घर की स्त्री ही पैसे की बचत करने में अधिक सक्षम होती हैं, उसे सब कुछ ज्ञान होता है की कौनसी वस्तु का कितना मूल्य है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन पूरे देश के लिए बजट प्रस्तुत करेंगी. सभी की उम्मीदें जुड़ी हैं कि इस बजट से देश को लाभ मिले और आम जनता को कर में राहत मिले.

निर्मला सीतारमन भारत की पहली महिला वित्त मंत्री हैं. यह देश के लिए गर्व का विषय है कि एक महिला ने वित्त विभाग का संचालन किया है, जैसा कि महाभारत काल में द्रौपदी ने सम्राट युधिष्ठिर का वित्त विभाग संभाला था चलिए, महाभारत के प्रमाणों पर नजर डालते हैं और देखते हैं कि क्या वास्तव में एक महिला ने पूरा वित्त विभाग संभाला था?

महाभारत वन पर्व 233-53 के अनुसार, द्रौपदी ने खुद यह बात कृष्ण की पत्नी सत्यभामा से कही थी:

“सर्वे राक्षः समुद्यमायं च व्ययमेव च । एकाहं वेनि कल्याणि पाण्डवानां यशस्विनि ॥ 53

अर्थ – कल्याणी एवं यशस्विनी सत्यभामे! महाराज तथा अन्य पाण्डवों की आय, व्यय और बचत का सारा हिसाब मैं अकेली ही रखती थी.

मयि सर्व समासज्य कुटुम्बं भरतर्षभाः । उपासनरताः सर्वे घटयन्ति वरानने ॥ 54 ॥

अर्थ – भरतश्रेष्ठ पाण्डव अपने कुटुम्ब का पूरा भार मुझ पर रखकर उपासना में लगे रहते थे.

तमहं भारमासक्तमनाधृष्यं दुरात्मभिः । सुखं सर्व परित्यज्य राज्यहानि राज्यहानि घटामि वै।

अर्थ – जो भार मुझ पर रखा गया था, उसे दुर्वृत्ति के स्त्री-पुरुष नहीं उठा सकते थे. परंतु मैं सुख-भोग छोड़कर उस कठिन भार को उठाने का प्रयास करती थी.

अधृष्यं वरुणस्येव निधिपूर्णमिवोदधिम् । एकाहं वेद्मि कोशं वै पतीनां धर्मचारिणाम् ॥ 56 ॥

अर्थ – मेरे धर्मात्मा पतियों का खजाना वरुण के भंडार और महासागर के समान था. केवल मैं ही उसकी पूरी जानकारी रखती थी.”

आज भी भारत के लगभग हर घर में महिलाओं पर वित्तीय जिम्मेदारी होती है. घर का वित्त महिलाएँ बेहतर संभालती हैं क्योंकि वे हर वस्तु को तौल-मोल कर खरीदती हैं, जिससे बचत भी अधिक होती है.

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