
मेरठ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20 जनवरी के बाद मौसम ने अचानक से पलटी मारी है। शुरू में मौसम काफी ठंडा चल रहा था, लेकिन अचानक माैसम बदल गया। सीजन में गणतंत्र दिवस सबसे गर्म रहा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव चल रहा है। इसके चलते पिछले 12 वर्ष में गणतंत्र दिवस सबसे गर्म रहा। दिन का तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री ऊपर रहा है जो जनवरी माह में सही नहीं है। आने वाले दिनों में भी इसका असर दिखाई देगा।
20 जनवरी के बाद मौसम ने अचानक से पलटी मारी है। शुरू में मौसम काफी ठंडा चल रहा था लेकिन अचानक से पश्चिम विक्षोभ का रुख बदलने के चलते तेजी से मौसम में बदलाव दिखाई दिया है, जिस कारण से तापमान 22 डिग्री से 25 डिग्री के बीच में चल रहा है जो सामान्य से चार से पांच डिग्री ज्यादा है। अभी जनवरी का अंतिम सप्ताह चल रहा है और मौसम गर्म होने के कारण वैज्ञानिक भी हैरत में हैं।
पिछले 12 वर्ष में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी इस बार सबसे गर्म रही है। मौसम का तेजी से गर्म होना सही नहीं है। आने वाले समय में भी इसका असर दिखाई देगा। मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर यूपी शाही का कहना है कि 29 जनवरी से एक पश्चिम विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है, जिसका असर वेस्ट यूपी में भी दिखाई देगा।
पहाड़ों से लेकर वेस्ट यूपी में हल्की बारिश और मौसम में बदलाव के असर होने से 1 से 2 डिग्री तापमान गिर सकता है। फरवरी की शुरुआत में मौसम में थोड़े बदलाव के असर है जिस कारण से आज का तापमान भी काम होगा।
मोदीपुरम सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉक्टर आरएस सेंगर का कहना है कि जिस तरह से मौसम पिछले एक सप्ताह से चल रहा है यह फसलों के लिए अनुकूल नहीं है।
अभी गेहूं की फसल के लिए सर्दी बहुत जरूरी है तापमान 20 डिग्री से नीचे होना चाहिए लेकिन तापमान 22 से 25 डिग्री के आसपास चल रहा है जो गेहूं की फसल के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक है।
आलू के अलावा गेहूं सरसों के लिए भी काफी नुकसानदायक है। इस समय मौसम में नमी होनी चाहिए लेकिन लगातार नमी कम होने के चलते फसलों को नुकसान हो सकता है जिसका असर उत्पादन पर भी दिखाई दे सकता है।
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