
उन्होंने कहा, लोग यह नहीं समझते हैं कि अंडे निकालने की तैयारी में मुझे एक दिन में 5 इंजेक्शन लेने पड़ते थे… आप जानते हैं, पेट की परत को सही बनाने के लिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि अंडाशय ठीक से काम कर रहे हैं. प्रेग्निल नामक एक हार्मोन है, आपको इसे सीधे पेट, जांघ में देना होता है. इसलिए यह दर्दनाक है और मुझे इंजेक्शन से नफरत है.

लेकिन जब आप एक बच्चे के बारे में सोच रहे होते हैं, तो मैं एक प्यारी सी परी की कल्पना करने का सुझाव देती हूं. यह सब करने के लिए, आपका मेंटल, इमोशनल स्ट्रॉन्ग होना होगा… बहुत सारे हार्मोनल इनबैलेंस भी होते हैं. जिसके कारण आप अचानक आप रोने लगते हैं, आप बहुत मूडी हो जाते हैं, आपको ये सब चीजें महसूस होती हैं, और मुझे लगता है कि इस पूरे प्रोसेसे के दौरान एक समझदार पति का होना बहुत जरूरी है.

आईवीएफ बांझपन से जूझ रहे लोगों को उम्मीद देता है, लेकिन इसके लिए मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी बहुत लचीलापन चाहिए होता है. इस प्रक्रिया की बारीकियों को समझने से महिलाओं और पुरुषों को बेहतर तरीके से तैयार होने और सही निर्णय लेने में मदद मिल सकती है.

आईवीएफ में शामिल हार्मोनल इलाजों के सामान्य दुष्प्रभाव अथरेया हॉस्पिटल्स में प्रसूति और स्त्री रोग निदेशक और महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. विनुथा जी ने indianexpress.com को बताया, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) इलाज में अक्सर अंडाशय को एक्टिव करने और भ्रूण के आरोपण के लिए शरीर को तैयार करने के लिए हार्मोनल थेरेपी शामिल होती है.

ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (OHSS): यह स्थिति तब होती है जब FSH (फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) और LH (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) जैसे हार्मोन के ओवर एक्विट के कारण अंडाशय सूज जाते हैं और दर्द होता है. लक्षणों में सूजन, मतली, उल्टी और पेट में दर्द शामिल हैं.

मूड स्विंग और इमोशनल इनबैलेंस: हार्मोनल उतार-चढ़ाव मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और भावनात्मक संकट का मूल कारण है जो अक्सर IVF चक्रों के दौरान अनुभव किया जाता है. हार्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे हार्मोनल इनबैलेंस होता है जो मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर सकता है.
Published at : 24 Jan 2025 07:05 PM (IST)
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