US Citizenship for Children: डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 जनवरी) को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है. इसके साथ ही वह 4 साल बाद दूसरी बार अमेरिका की सत्ता में वापस लौटकर आए हैं. अमेरिका की सत्ता में लौटते ही पहले दिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई अमेरिकी नीतियों को बदलने के लिए कार्यकारी आदेश दिया है.
इस कार्यकारी आदेश में ट्रंप ने नागरिकता कानून से जुड़ा एक फैसला भी लिया है, जिसके मुताबिक अमेरिका में जन्म के आधार पर अमेरिकी नागरिकता खत्म करने का आदेश दिया गया है. इसका मतलब ये है कि अब जिन लोगों के पास अमेरिकी नागरिकता के वैध डॉक्यूमेंट नहीं हैं और इस दौरान अगर वे अमेरिका में अपने बच्चे को जन्म देते हैं तो उन बच्चों को स्वतः अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी.
150 साल पुराने कानून को बदलना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि यह कानून गलत है और इससे अमेरिका की समस्याएं बढ़ रही है. इससे अवैध रूप से अमेरिका में एंट्री करने वाले लोगों के बच्चों को भी अमेरिकी नागरिक बनने का मौक मिल रहा है और वे यहां के संसाधनों का लाभ उठा रहे हैं. इस पर डोनाल्ड ट्रंप को आपत्ति है. एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “हम इस कानून को बदलने जा रहे हैं. हमें लोगों के बीच जाना होगा. लेकिन हम कानून तो बदलेंगे.”
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश के अनुसार, भविष्य में बच्चों के लिए स्वतः अमेरिकी नागरिकता के लिए माता-पिता में से कम से कम एक को अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी होने की आवश्यकता होगी.
प्रवासी भारतीयों को इस फैसले से लगेगा झटका
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश का नागरिकता संबंधी फैसले का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा. प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका 48 लाख भारतीय मूल के निवासी बसे हुए हैं, इनमें से 16 लाख को जन्म के आधार पर ही नागरिकता मिली है.
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