what is the difference between viral fever and bacterial infection read full article in hindi

वायरल फीवर और बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण आपको काफी आम लग सकते हैं. लेकिन दोनों में काफी अंतर है. आइए डॉक्टर से जानते हैं वायरल फीवर और बैक्टीरियल इंफेक्शन में क्या अंतर है.

वायरल फीवर और बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण आपको काफी आम लग सकते हैं. लेकिन दोनों में काफी अंतर है. आइए डॉक्टर से जानते हैं वायरल फीवर और बैक्टीरियल इंफेक्शन में क्या अंतर है.

वायरल बुखार थोड़े समय के लिए आता है. वायरल इंफेक्शन में सर्दी-खांसी हो भी सकती है और नहीं भी. वायरल बुखार बिना किसी जांच के अपने आप ठीक हो सकता है. वायरल बुखार आपके संपर्क में आने वाले लोगों में तेजी से फैलता है.

वायरल बुखार थोड़े समय के लिए आता है. वायरल इंफेक्शन में सर्दी-खांसी हो भी सकती है और नहीं भी. वायरल बुखार बिना किसी जांच के अपने आप ठीक हो सकता है. वायरल बुखार आपके संपर्क में आने वाले लोगों में तेजी से फैलता है.

वायरल बुखार के मामले में एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती. ठंड का मौसम और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरल होने की बड़ी वजह मानी जाती है. हालांकि, कुछ वायरल बुखार खतरनाक भी हो सकते हैं. इनमें स्वाइन फ्लू, कोविड और डेंगू शामिल हैं

वायरल बुखार के मामले में एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती. ठंड का मौसम और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरल होने की बड़ी वजह मानी जाती है. हालांकि, कुछ वायरल बुखार खतरनाक भी हो सकते हैं. इनमें स्वाइन फ्लू, कोविड और डेंगू शामिल हैं

बैक्टीरियल इंफेक्शन वायरल बुखार से कहीं ज़्यादा समय तक रहता है. इसमें सिस्टमिक लक्षण और किसी खास अंग से जुड़े लक्षण शामिल हैं, जैसे गले में खराश, सीने में दर्द, पीलिया, पेशाब करते समय जलन, मल में खून आना आदि.

बैक्टीरियल इंफेक्शन वायरल बुखार से कहीं ज़्यादा समय तक रहता है. इसमें सिस्टमिक लक्षण और किसी खास अंग से जुड़े लक्षण शामिल हैं, जैसे गले में खराश, सीने में दर्द, पीलिया, पेशाब करते समय जलन, मल में खून आना आदि.

बैक्टीरियल संक्रमण की जांच के लिए टेस्ट करवाना ज़रूरी है और इसके लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. बैक्टीरियल संक्रमण बहुत तेज़ी से नहीं फैलता, इसके फैलने की संभावना बहुत कम होती है. जांच के बाद खास एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होती है.

बैक्टीरियल संक्रमण की जांच के लिए टेस्ट करवाना ज़रूरी है और इसके लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. बैक्टीरियल संक्रमण बहुत तेज़ी से नहीं फैलता, इसके फैलने की संभावना बहुत कम होती है. जांच के बाद खास एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होती है.

ज़्यादातर बैक्टीरियल संक्रमण दूषित पानी पीने, दूषित खाना खाने, संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक आने या टीका न लगवाने से हो सकते हैं. आम बैक्टीरियल संक्रमणों में टॉन्सिलाइटिस, टाइफाइड बुखार, मूत्र संक्रमण, यूटीआई आदि शामिल हैं.

ज़्यादातर बैक्टीरियल संक्रमण दूषित पानी पीने, दूषित खाना खाने, संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक आने या टीका न लगवाने से हो सकते हैं. आम बैक्टीरियल संक्रमणों में टॉन्सिलाइटिस, टाइफाइड बुखार, मूत्र संक्रमण, यूटीआई आदि शामिल हैं.

Published at : 21 Jan 2025 06:05 PM (IST)

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