Makar Sankranti 2025 snan daan puja Mahapunya kaal time is 1 hour 47 minutes on 14 january

Makar Sankranti 2025: महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है और मकर संक्रांति के अवसर पर आस्था का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा है. श्रद्धालु दूर-दूर से मां गंगा के पवित्र तट पर पहुंचने लगे हैं. कड़कड़ाती ठंड भी उनके उत्साह को कम नहीं कर पाई. सिर पर गठरी और पांव में बिना चप्पल, भक्त रेती पर दौड़ते हुए गंगा में स्नान के लिए तत्पर दिखे. 

14 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति

 

मकर संक्रांति का महापुण्य काल सुबह 9:03 से 10:50 तक होगा.  इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. इस पर्व में कोई भद्रा नहीं है, यह सुबह से शाम तक शुभ रहेगा. वैदिक ज्योतिष संस्थान के आचार्य पीसी शुक्ला के अनुसार, मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है. 

इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दौरान स्नान, दान, और तिल-गुड़ के सेवन से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है. महापुण्यकाल की अवधि सुबह 9:03 बजे से 10:50 बजे तक रहेगी, जो 1 घंटा 47 मिनट होगी. 

 

मकर संक्रांति पर दान का महत्व: शास्त्रों में मकर संक्रांति को “तिल संक्रांति” भी कहा गया है. इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, नमक और घी का दान विशेष फलदायी माना गया है. 

 

पांच प्रकार के दान का है महत्व 

  • तिल और गुड़ का दान: यह पापों का नाश और पुण्य लाभ प्रदान करता है.
  • नमक का दान: बुरी ऊर्जा और अनिष्टों का नाश करता है. 
  • खिचड़ी का दान: चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है.
  • घी और रेवड़ी का दान: भौतिक सुख, मान-सम्मान, और यश प्राप्त होता है.
  • पक्षियों को दाना और जानवरों को भोजन: यह कर्म अत्यधिक फलदायी माना जाता है.

मकर संक्रांति पर मंत्र जाप का महत्व

ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर स्नान और दान के बाद सूर्य देव के 12 नामों का जाप और उनके मंत्रों का उच्चारण जीवन की कई समस्याओं को समाप्त कर सकता है. यह मंत्र जाप सूर्य देव की कृपा पाने का उत्तम साधन है.  

 

पतंग उड़ाने और पकवान बनाने की है परंपरा

इस पर्व पर तिल-गुड़ से बने लड्डू, खिचड़ी और अन्य पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं. पतंग उड़ाना भी इस दिन की खास परंपरा है, जो उत्साह और आनंद का प्रतीक है. 

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