Tirupati Balaji Temple in andhra Pradesh know history mystery facts and importance in hindi

Tirupati Balaji Temple: भारत को मंदिरों की भूमि कहा जाता है. यहां कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जिससे विशेष परंपराएं, मान्यताएं, महत्व, इतिहास और रहस्य जुड़े हैं. इन्हीं में एक है आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला पर्वत पर स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर जिसे भारत के प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थलों में एक माना जाता है. साथ ही यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में भी एक है जोकि अपने समृद्ध इतिहास, रहस्य, महत्व के साथ ही चमत्कारों से भी भरा हुआ है. इन्हीं कारणों से यह मंदिर ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां मुख्य देवता श्री वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा होती है जो भगवान श्रीहरि के अवतार माने जाते हैं. मान्यता है कि तिरुमाला पर्वत पर भगवान वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ वास करते हैं.

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास बहुत समृद्ध है. इसे ‘टेम्पल ऑफ सेवन हिल्स’ भी कहा जाता है. मंदिर का निर्माण करीब तीसरी शाताब्दी के हुआ है और अलग-अलग वंश के शासकों द्वारा समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया. मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति वैष्णव संप्रदाय द्वारा की गई थी. तीसरी शताब्दी में बने इस मंदिर की ख्याति 15वीं शाताब्दी के बाद काफी बढ़ी जोकि आजतक है.

तिरुपति बालाजी मंदिर की मान्यताएं

  • मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करते ही दाईं और एक छड़ी होती है. मान्यता है कि इसी छड़ी से बालाजी की मां उनकी पिटाई करती थीं. एक बार पिटाई के दौरान उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई जिसपर मां ने चंदन का लेप लगाया था. इसीलिए आज भी भगवान को प्रथा के अनुसार चंदनका लेप लगाया जाता है.
  • मान्यता है की मां लक्ष्मी बालाजी में ही समाहित है. इसलिए नियमित रूप से मूर्ति का श्रृंगार किया जाता है. श्रृंगार के समय उन्हें नीचे धोती और ऊपर साड़ी पहनाई जाती है.
  • तिरुपति बालाजी मंदिर में केश दान की भी परंपरा है. माना जाता है कि यहां भक्त मनोकामना पूरी होने के लिए अपने बाल दान करते हैं. आज भी लोग श्रद्धापूर्वक मंदिर में आते हैं और स्त्री हो या पुरुष सभी भक्ति भाव से अपने बालों का दान करते हैं.

भीड़ से बचने के लिए है ऑनलाइन दर्शन की सुविधा

तिरुपति बालाजी मंदिर दक्षिण में है. लेकिन इसके बावजूद यहां देश के कोने-कोने से लोग आते हैं. देश के साथ ही विदेश से भी श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए पहुंचते हैं. तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रतिदिन 50 हजार से लेकर एक लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह ऐसा मंदिर है जहां पूरे साल भक्तों की भीड़ रहती है. इसलिए मंदिर प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा महैया कराई गई है. आप मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना नाम, फोन नंबर और आधार कार्ड जैसी जरूरी जानकारियां देकर ऑनलाइन दर्शन कर सकते है.

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