BPSC Candidate Protest In Patna: पटना में रविवार (29 दिसंबर) को गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया. सुबह से ही पूरा गांधी मैदान पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. हालांकि गांधी मैदान में प्रशासन ने प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी थी. शाम होते-होते स्थिति बिगड़ गई और छात्रों के प्रदर्शन के दौरान सड़क पर भारी बवाल मचा. पुलिस ने छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज तक कर दिया.
जानें कैसे हंगामें में तब्दील हुआ आंदोलन
सबसे पहले लगभग 12 बजे बीपीएससी अभ्यर्थी पहले से निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक गांधी मेदान पहुंच गए. काफी संख्या में जब छात्रों का जुटान हो गया तो मौके पर पटना के टाउन डीएसपी प्रकाश शर्मा पहुंचे. उन्होंने छात्रों को यहां से जाने के लिए कहा. यह भी कहा कि पांच लोग जाएं और बीपीएससी में जाकर मिलें.
टाउन डीएसपी के मना करने के बाद भी सभी अभ्यर्थी री-एग्जाम (70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के लिए) की मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे. बीपीएससी अभ्यर्थी गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर नारेबाजी करते रहे. अभ्यर्थियों के पहुंचने पर बड़ी संख्या में पुलिस भी वहां पहुंच गई.
उसके बाद वहां प्रशांत किशोर ने छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में रोजाना हजार, दो हजार लोग जाते हैं, ये कोई कार्यक्रम तो नहीं है जिसके लिए सरकार से अनुमति ली जाए? हमने सरकार को कल जानकारी दे दी थी. बस छात्र एक जगह बैठकर मिलकर बात करना चाहते हैं.
इसके बाद शाम के लगभग पांच बजे प्रशांत किशोर की अगुवाई में सीएम हाउस जाने लगे और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और आगे बढ़ने की कोशिश की. छात्रों ने आम गाड़ियों को रोकना शुरू कर दिया और रास्ता जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया. वाटर कैनन से पानी की बैछारें की गईं. ठंड में सभी छात्र भींग गए. काफी हंगामा हुआ.
इस हंगामें में छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा, जिसमें कई छात्रों को काफी चोटें आईं. एक छात्र ने रो-रोकर बताया कि उसका हाथ टूट गया है. ये पुलिस अधिकारी जो, यही परीक्षा पास करके आते हैं और अभ्यर्थियों पर ही लाठी चलाते हैं. फिर इस बीच कुछ छात्रों ने प्रशांत किशोर पर भी सरकार से मिले होने का आरोप लगाया. छात्रों ने कहा हमें अपने आंदोलन को राजनीतिक रंग नहीं देना है.
पूरे मामले पर सेंट्रल SP स्वीटी सहरावत ने कहा कि “लाठीचार्ज नहीं हुआ है. अभ्यर्थियों से बार-बार यहां से हटने का अनुरोध किया गया. हमने उनसे कहा कि वे अपनी मांगें हमारे सामने रखें, हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अड़े रहे. अभ्यर्थियों ने प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की की. अंत में हमें मजबूरन वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. उसमें भी हम बीच में आए और उन्हें हटाया, लेकिन तब भी वे नहीं हटे.
हालांकि बाद में देर रात तक माहौल शांत हुआ और प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार के प्रशासनिक अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है. छात्रों की पांच सदस्यीय कमेटी अभी मुख्य सचिव से बात करेगी ताकि उनकी समस्याओं और मांगों पर कुछ निर्णय लिया जा सके. इसके बाद ही छात्र आगे फैसला लेंगे.
अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, कि हम लोगों ने दिन भर अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया. अब सराकर हमारे छात्रों से मिलने के लिए तैयार है. सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है. अगर ये चर्चा आज नहीं हुई तो फिर आगे विचार किया जाएगा. हमलोग ऐसे ही अपनी मांग पर डटे रहेंगे.
इस पूरे मामले के बाद देर रात ये खबर आई कि बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों के हंगामे को लेकर प्रशांत किशोर पर मामला दर्ज हुआ है. प्रशांत किशोर के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती पर भी मामला दर्ज किया गया है. प्रशांत किशोर पर अभ्यर्थियों को उकसाने ने सड़क पर लाने और हंगामा करने का कई गंभीर धारा लगाई गई है. प्रशांत किशोर सहित 19 से अधिक नाम जब लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. 600 से अधिक अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.
इस पूरे मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फेसबुक लाइव आकर बिना नाम लिए प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है. उन्होंने आंदोलन को दबाने का आरोप बीजेपी की ‘बी’ टीम पर लगाया. हालांकि उन्होंने प्रशांत किशोर का कहीं भी नाम नहीं लिया. दिन भर हुए प्रदर्शन में पुलिस की छात्रों पर कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
ये भी पढ़ेंः Tejashwi Yadav: यात्रा पर निकलने से पहले तेजस्वी ने पिता लालू यादव का लिया आशीर्वाद, कल से शुरू होगा पांचवां चरण
Read More at www.abplive.com