Mokshada Ekadashi and gita Jayanti why celebrate on same day 11 december 2024

एकादशी का पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को पड़ता है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है.

एकादशी का पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को पड़ता है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है.

मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती भी मनाई जाती है, जोकि सनातन धर्म का विशेष पर्व है. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत और गीता जयंती का पर्व बुधवार 11 दिसंबर 2024 को है. आइए जानते हैं आखिर क्यों एक ही दिन होती है गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी.

मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती भी मनाई जाती है, जोकि सनातन धर्म का विशेष पर्व है. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत और गीता जयंती का पर्व बुधवार 11 दिसंबर 2024 को है. आइए जानते हैं आखिर क्यों एक ही दिन होती है गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी.

कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को जो उपदेश दिए थे उसे ही भगवत गीता कहा जाता है. पौराणिक और धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे, उस दिन मार्गशीर्ष महीने की एकादशी तिथि थी.

कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को जो उपदेश दिए थे उसे ही भगवत गीता कहा जाता है. पौराणिक और धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे, उस दिन मार्गशीर्ष महीने की एकादशी तिथि थी.

मार्गशीर्ष या अगहन एकादशी पर श्रीकृष्ण के उपदेश देने के कारण इसी दिन को गीता का जन्म का दिन माना जाता है और हर साल इसी दिन गीता जयंती मनाई जाती है.

मार्गशीर्ष या अगहन एकादशी पर श्रीकृष्ण के उपदेश देने के कारण इसी दिन को गीता का जन्म का दिन माना जाता है और हर साल इसी दिन गीता जयंती मनाई जाती है.

गीता का जन्म स्वयं श्रीकृष्ण ने मुख से हुआ है, क्योंकि इसके हर श्लोक भगवान श्रीकृष्ण ने मुख से निकले हैं. गीता को श्रीमद्भगवद्गीता और गीतोपदेश नाम से भी जाना जाता है

गीता का जन्म स्वयं श्रीकृष्ण ने मुख से हुआ है, क्योंकि इसके हर श्लोक भगवान श्रीकृष्ण ने मुख से निकले हैं. गीता को श्रीमद्भगवद्गीता और गीतोपदेश नाम से भी जाना जाता है

मार्गशीर्ष एकादशी पर इसलिए भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए. साथ ही इस दिन गीता का पाठ भी जरूर करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता का पाठ करने से पितृदोष खत्म होता है.

मार्गशीर्ष एकादशी पर इसलिए भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए. साथ ही इस दिन गीता का पाठ भी जरूर करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता का पाठ करने से पितृदोष खत्म होता है.

Published at : 05 Dec 2024 07:03 PM (IST)

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