
पौराणिक कथा के अनुसार महाराज जनक ने अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर की घोषणा का साथ ये एलान कर दिया था कि जो शिव जी धनुष की प्रत्यंचा को चढ़ा देगा, उसी से मेरी पुत्री सीता का विवाह होगा.

कहते हैं कि जिस शिव धनुष को तमाम बलशाली राजा हिला तक नहीं पाए थे, उसे राम जी ने बड़ी ही आसानी से तोड़ दिया था. शिव धनुष कोई साधारण धनुष नहीं था बल्कि उस काल का ब्रह्मास्त्र था.

श्रीराम ने शिव जी का जो धनुष तोड़ा उसका नाम था पिनाक. ये भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था. शिव जी ने इस धनुष से त्रिपुरासुर का वध किया और फिर इसे देवों को सौंप दिया.

इसके बाद ये धनुष राजा जनक के पास सुरक्षित था. रामायण के बालकांड के 67वें सर्ग के अनुसार धनुष के आकार को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि ये कितना शक्तिशाली है.

शिव जी का यह धनुष एक विशालकाय लोहे के संदूक में रखा हुआ था. इस संदूक में आठ बड़े-बड़े पहिये लगे हुए थे. जिसे पांच हजार मनुष्य स्वंयर में खींचकर लाए थे.

त्रैतायुग में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस साल विवाहर 2024 को है. विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 को है.
Published at : 05 Dec 2024 06:19 PM (IST)
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