मेरठ। शहर की एक युवती के साथ 14 करोड़ के जीएसटी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। युवती का आरोप है कि वह पिछले तीन महीने से थानों और जीएसटी दफ्तर के चक्कर काट रही है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। बृहस्पतिवार को वह एसएसपी ऑफिस शिकायत करने पहुंची थी।
युवती ने बताया कि वो एक स्पोर्ट्स उत्पाद की एक फर्म चलाती है। यह फर्म जिम का सामान बनाकर सप्लाई करती है। युवती ने बताया लगभग तीन महीने पहले उसके पास जीएसटी विभाग से आया ई-मेल आया था। नोटिस देख होश उड़ गए। नोटिस में साढ़े चौदह करोड़ के दो ई-वे बिलों का जिक्र था। युवती ने कहा कि उसकी बहुत छोटी सी फर्म है। अभी हाल ही में उसने अपना बिजनेस शुरू किया है। इतनी तो कमाई भी नहीं हुई कि वह साढ़े चौदह करोड़ के ई-वे बिल निकाल सके।
युवती ने कहा कि एक बिल पांच करोड़ और दूसरा ई-वे बिल साढ़े नौ करोड़ का था, जो उसे भेजा गया। दोनों बिल उसकी फर्म के नाम से जनरेट थे। युवती ने कहा कि आज तक उसने कभी इन फर्म के साथ काम नहीं किया न ही कोई इतना बड़ा माल भेजा। कुछ दिन पहले उसने एक ईवे बिल साइबर कैफे से जनरेट कराया था। युवती ने आरोप लगाया कि शायद उसी साइबर कैफे से उसकी आईडी पासवर्ड का गलत इस्तेमाल कर ये करोड़ों रुपये के फर्जी ई-वे बिल तैयार कर उसे फंसाया गया है। युवती ने बताया कि वह कई बार सिविल लाइन और साइबर क्राइम थाने और जीएसटी विभाग के चक्कर काट चुकी है। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। एसएसपी ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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