Kaal Bhairav Jayanti 2024 why black dog vahan of god bhairav

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ब्रह्म देव से बहुत क्रोधित हो गए थे तो उनके क्रोध से काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. कुछ कथाओं के अनुसार शिवजी के रक्त से काल भैरव की उत्पत्ति हुई. शिवजी के गणों में काल भैरव को भी एक माना जाता है.

जिस दिन काल भैरव की उत्पत्ति हुई उस दिन मार्गशीर्ष या अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी. इसलिए हर साल इस तिथि को काल भैरव की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल काल भैरव की जयंती 23 नवंबर 2024 को है.

भगवान काल भैरव से जुड़ी सबसे दिलचस्प बात यह है कि इनकी सवारी काला कुत्ता है. इन्होंने काले कुत्ते को ही अपनी सवारी के रूप में क्यों चुना आइए जानते हैं इसके बारे में-

काला कुत्ता कैसे बना काल भैरव की सवारी

  • हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की अपनी विशेष सवारी होती है, जिसे उस देवी-देवता का वाहन कहा जाता है. इसी तरह धार्मिक ग्रंथों के अनुसार काला कुत्ता काल भैरव का वाहन है. लेकिन खास बात यह है कि काल भैरव अपने वाहन यानी कुत्ते पर बैठते नहीं है. लेकिन काला स्वान (कुत्ता) उनके साथ हमेशा रहता है.
  • काल भैरव का स्वरूप उग्र है और कुत्ते को भी उग्र पशु के रूप में देखा जाता है. कुत्ता कभी भय नहीं रखता. वह न तो रात के अंधेरे से डरता है और न ही शत्रुओं से. लेकिन अगर कोई उसपर हमला करे तो वह उससे अधिक उग्र होकर हमला करता है.
  • साथ ही कुत्ते को तेज बुद्धि, स्वामी के पूर्ण वफादार और रक्षा करने वाला एक पशु माना जाता है. कुत्तों को लेकर यह भी माना जाता है कि कुत्ते में बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा करने की क्षमता होती है.
  • काल भैरव के साथ काले कुत्ते का होना उनके रक्षक और संरक्षक रूप को दर्शाता है. इसलिए कुत्ते को रोटी खिलाने से काल भैरव भी प्रसन्न होते हैं.

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