स्पैम कॉल्स और ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम कसने के लिए पिछले कुछ समय में सरकार की तरफ से कई सारे कड़े कदम उठाए गए हैं। TRAI की तरफ से इस मामले में कई बार टेलिकॉम कंपनियों को सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। ट्राई के द्वारा उठाए गए कदमों का अब असर दिखने लगा है। सरकार की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि पिछले तीन महीने में अनचाहे मैसेज से जुड़ी शिकायतों में गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार की तरफ से बुधवार को यह बताया गया कि अक्टूबर महीने में स्पैम कॉल्स और अनचाहे एमएमएस के खिलाफ अगस्त महीने की तुलना में करीब 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
स्पैम कॉल्स-मैसेज में आई गिरावट
लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर महीने में स्पैम कॉल्स और एसएमएस को लेकर करीब 1.51 लाख शिकायतें दर्ज हुई थीं। वहीं अगर सितंबर महीने की बात करें तो इस महीने करीब 1.63 लाख शिकायतें दर्ज की गईं थी। अगस्त के मुताबिक सितंबर में करीब 13 प्रतिशत कम मामले दर्ज किए गए थे।
ट्राई ने 13 अगस्त 2024 को निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करके प्रमोशनल वॉयस कॉल करते हुए पाई जाने वाली किसी भी संस्था को सख्त परिणाम भुगतने होंगे। इसमें सभी दूरसंचार संसाधनों को काटना, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करना और ब्लैकलिस्टिंग अवधि के दौरान नए संसाधन आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है।
TRAI ने दिए सख्त निर्देश
TRAI के इस कड़े निर्देश के बाद टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से भी स्पैम कॉल्स और अनचाहे मैसेज पर रोक लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए। ट्राई की तरफ से 20 अगस्त को टेलिकॉम कंपनियों के लिए मैसेज ट्रेसेबिलिटी को बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को 1 नवंबर 2024 तक टेक्निकल सॉल्यूशन को लागू करना करना था।
हालांकि कंपनियों ने ट्राई से मैसेज ट्रेसबिलिटी और नई तकनीक को लागू करने के लिए अधिक समय की मांग की थी। TRAI ने टेलिकॉम कंपनियों की मांग मानते हुए इसके लिए अंतिम तारीख 30 नवंबर 2024 तय कर दी थी। ऑनलाइन फ्रॉड और स्पैम कॉल्स से राहत दिलाने के लिए ट्राई की तरफ से उठाए गए कदम का असर दिखने लगा है। ऐसे में अब उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में स्पैम कॉल्स से पूरी तरह से राहत मिल सकती है।
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