Maharashtra Election 2024 Shiv Sena BJP or Congress who will form the government

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में हो रहे चुनावों के नतीजे आने वाले हैं. नतीजों में शिवसेना (Shiv sena) की स्थिति कैसी रहेगी? क्या शिवसेना विपक्ष पर अपने विजय पताका लहरा पाएगा या शिवसेना को करारी हार मिल सकती है? इस बात का विश्लेषण हम शिवसेना की स्थापना कुंडली से करेंगे.

दिनांक 19 जून 1966 को प्रातः 9:30 बजे मुंबई में बाला साहब ठाकरे जी ने बिना मुहूर्त के ही मात्र एक नारियल फोड़ कर शिवसेना संगठन की स्थापना की थी. धीरे-धीरे यह संगठन राजनीति में भी सक्रिय रहा और तब से अब तक महाराष्ट्र के अधिकतर लोगों की जान और शान के रूप में जाना जाता है. इस कुंडली के माध्यम से हम देखते हैं कि आगामी चुनावों में शिवसेना के धुरन्दर अपनी सीट बचा पाएंगे या नहीं.

शिवसेना की कुंडली क्या कहती है (Shiv Sena Kundli)- 

दिनांक -19 जून 1966, समय प्रातः 9:30 बजे, स्थान मुम्बई महाराष्ट्र.

कर्क लग्न तथा मिथुन राशि की कुंडली बनती है, जिसमें पंचम भाव में वृश्चिक राशि का केतु, नवम भाव में शनि, दशम भाव में शुक्र, एकादश भाव में राहु तथा मंगल और द्वादश भाव में सूर्य, चंद्र बृहस्पति तथा बुध है.

यह कुंडली यदि राजनीतिक दृष्टि से देखी जाए तो बहुत मजबूत कुंडली है, क्योंकि इस कुंडली में छठे भाव का स्वामी बृहस्पति द्वादश भाव में विपरीत राजयोग बना रहा है तथा द्वादश भाव का स्वामी बुध भी द्वादश भाव में ही है और यह भी विपरीत राजयोग बना रहा है. लग्न का स्वामी चंद्रमा द्वादश भाव में है जिसे कुछ अच्छा तो नहीं कहा जाएगा. लेकिन बृहस्पति के साथ होने से चंद्रमा का बाल बढ़ जाता है तथा धन का स्वामी सूर्य भी द्वादश भाव में ही है. 

इन चारों ग्रहों की सातवीं दृष्टि छठे भाव पर पड़ रही है और यह मित्र और स्वराशि की दृष्टि पड़ रही है. सूर्य की दृष्टि छठे भाव में अग्नि तत्व की राशि में पड़ना, शत्रु विजय के लिए एक अच्छा चिन्ह माना जाएगा तथा बृहस्पति का अपनी राशि पर दृष्टि होना भी शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के योग बताता है.

इसके अलावा दशम भाव जहां से सरकार को देखा जाता है वहां का स्वामी मंगल एकादश भाव में राहु के साथ है और मंगल की आठवीं दृष्टि भी छठे भाव पर है. अग्नि तत्व के ग्रह की दृष्टि जब अग्नि तत्व की राशि पर पड़ती है तो लाभ देती है अर्थात इस योग से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के योग बन रहे हैं. जब कभी भी एकादश भाव में गर्म ग्रह आ जाए तो वे आकस्मिक रूप से लाभ देते हैं.

मंगल पमचं तथा दशम भाव का स्वामी है और योगकारक ग्रह है. दशम भाव का स्वामी जब राहु के साथ हो तो राहु राजनीति में असामान्य सफलता प्रदान करता है.  इसके अलावा यदि छठा भाव जिसे शत्रु भाव कहा जाता है, वहां पर हम देखें तो पांच ग्रहों की दृष्टि है जिसके कारण शत्रु पक्ष पर विजय प्राप्ति के प्रबल योग बन रहे हैं.

निष्कर्ष (conclusion)- दशाअन्तर्दशा के अनुसार निष्कर्ष निकालें बुध महादशा में चंद्रमा के अंतर्दशा सितंबर 2025 तक है. चंद्रमा द्वादश भाव में है तथा छठे भाव को देख रहा है. षड्बल में चंद्रमा का बल 0.68 है जो की काफी कमजोर कहा जाएगा. यदि हम चुनाव की दृष्टि से इसे देखें तो विपरीत राजयोग वाले ग्रह की महादशा चल रही है जोकि शत्रु पक्ष पर विजय बनाने के लिए पर्याप्त है. लेकिन अंतर्दशा का स्वामी षड्बल में कमजोर है. इसलिए जीत हासिल करने में बहुत अधिक खींचतान होगी और चुनाव के परिणाम में जीत का फैसला बहुत ही काम वोटों के अंतर से शिवसेना के पक्ष में होने की प्रबल सम्भवना है.

ये भी पढ़ें: Israel Palestine Conflict: इजरायल- फिलिस्तीन में तीसरे विश्वयुद्ध जैसी स्थिति, क्या होगा परमाणु हथियार का इस्तेमाल

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

Read More at www.abplive.com