अच्छी आदतें भी पहुंचा सकती हैं सेहत को नुकसान, कई बीमारियों को दे सकती हैं बुलावा

अच्छी और बुरी आदतों के बारें में हमें बचपन में ही सिखाया गया है. हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ आदतें भी बदलती हैं और हमारी लाइफस्टाइल पूरी तरह चेंज हो जाती है. ऐसे में कुछ हैबिट्स ऐसी होती हैं, जिन्हें पूरी तरह अवॉयड करना चाहिए. कुछ अच्छी आदतें (Habits) भी हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं. इसलिए इन्हें भी सावधानीपूर्वक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए. चलिए जानते हैं पांच ऐसी आदतें जो देखने में तो अच्छी लगती हैं लेकिन असल में वे सेहत पर बुरा प्रभाव छोड़ती हैं.

अच्छी और बुरी आदतों के बारें में हमें बचपन में ही सिखाया गया है. हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ आदतें भी बदलती हैं और हमारी लाइफस्टाइल पूरी तरह चेंज हो जाती है. ऐसे में कुछ हैबिट्स ऐसी होती हैं, जिन्हें पूरी तरह अवॉयड करना चाहिए. कुछ अच्छी आदतें (Habits) भी हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं. इसलिए इन्हें भी सावधानीपूर्वक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए. चलिए जानते हैं पांच ऐसी आदतें जो देखने में तो अच्छी लगती हैं लेकिन असल में वे सेहत पर बुरा प्रभाव छोड़ती हैं.

अगर किसी का पाचन कमजोर है तो प्रोटीन के लिए नॉन वेज खाने से बचना चाहिए. क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, नॉनवेज में प्रोटीन और सैचुरेटेड फैट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हार्ट डिजीज के रिस्क को बढ़ा सकते हैं. कई स्टडी में भी पाया गया है कि नॉनवेज खाने वालों का लाइफस्पन वेजिटेरियन की तुलना में कम होता है और क्रॉनिक समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे लोग डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाइपरटेंशन की चपेट में जल्दी आ सकते हैं.

अगर किसी का पाचन कमजोर है तो प्रोटीन के लिए नॉन वेज खाने से बचना चाहिए. क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, नॉनवेज में प्रोटीन और सैचुरेटेड फैट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हार्ट डिजीज के रिस्क को बढ़ा सकते हैं. कई स्टडी में भी पाया गया है कि नॉनवेज खाने वालों का लाइफस्पन वेजिटेरियन की तुलना में कम होता है और क्रॉनिक समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे लोग डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाइपरटेंशन की चपेट में जल्दी आ सकते हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि कभी भी फलों का डेजर्ट के तौर पर सेवन नहीं करना चाहिए. इसका सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. खाना खाने के साथ फलों का सेवन भी अवॉयड करना चाहिए. फल दो मिल के बीच गैप में ही लेने की कोशिश करें.

हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि कभी भी फलों का डेजर्ट के तौर पर सेवन नहीं करना चाहिए. इसका सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. खाना खाने के साथ फलों का सेवन भी अवॉयड करना चाहिए. फल दो मिल के बीच गैप में ही लेने की कोशिश करें.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब शरीर और दिमाग ज्यादा तनाव से गुजरे तब किसी को भी वेट ट्रेनिंग से बचना चाहिए. ऐसे लोग जो वर्कआउट करते हैं, उन्हें जब स्ट्रेस होता है, तब अधिक इंटेंस वर्कआउट करने लगते हैं, जिसका सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है. ऐसे कंडीशन में चोट लगने का डर भी बना रहता है और थकान भी जल्दी हो जाती है. स्ट्रेस में वेट ट्रेनिंग करने से सामान्य दिनों की तुलना में उसका सही रिजल्ट भी नहीं मिल पाता है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब शरीर और दिमाग ज्यादा तनाव से गुजरे तब किसी को भी वेट ट्रेनिंग से बचना चाहिए. ऐसे लोग जो वर्कआउट करते हैं, उन्हें जब स्ट्रेस होता है, तब अधिक इंटेंस वर्कआउट करने लगते हैं, जिसका सेहत पर निगेटिव असर पड़ सकता है. ऐसे कंडीशन में चोट लगने का डर भी बना रहता है और थकान भी जल्दी हो जाती है. स्ट्रेस में वेट ट्रेनिंग करने से सामान्य दिनों की तुलना में उसका सही रिजल्ट भी नहीं मिल पाता है.

शरीर की जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी खतरनाक है. इसकी वजह से बॉडी डिहाइड्रेटेड शुरू हो सकती है, जो सेहत के लिए खतरनाक है. जरूरत से ज्यादा पानी पीना उल्टी और बैलेंस डेवलप की समस्या को जन्म दे सकता है. टिशु में स्वेलिंग और बॉडी में सूजन भी इस वजह से हो सकता है. ऐसा करने से बॉडी में वॉटर टाक्सीसिटी की प्रॉब्लम हो सकती है और कई तरह की परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसलिए हमेशा जरूरत पड़ने पर ही शरीर को पानी देना चाहिए. प्यास लगने पर ही पानी पीना चाहिए.

शरीर की जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी खतरनाक है. इसकी वजह से बॉडी डिहाइड्रेटेड शुरू हो सकती है, जो सेहत के लिए खतरनाक है. जरूरत से ज्यादा पानी पीना उल्टी और बैलेंस डेवलप की समस्या को जन्म दे सकता है. टिशु में स्वेलिंग और बॉडी में सूजन भी इस वजह से हो सकता है. ऐसा करने से बॉडी में वॉटर टाक्सीसिटी की प्रॉब्लम हो सकती है और कई तरह की परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसलिए हमेशा जरूरत पड़ने पर ही शरीर को पानी देना चाहिए. प्यास लगने पर ही पानी पीना चाहिए.

अगर गुड फैट के लिए अधिक मात्रा में नट्स का सेवन करते हैं तो कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं, इसलिए सीमित मात्रा में ही इनका सेवन करना चाहिए. क्योंकि नट्स ज्यादा खाने से कब्ज, वेट गेन, विटामिन ई के ओवरडोज की वजह भी बन सकती हैं. इसके अलावा एलर्जी, इन्फ्लेमेशन, रैशेज, सांस लेने में समस्या, जी मचलाने और ब्लड शुगर लेवल में स्पाईक देखने को मिल सकता है.

अगर गुड फैट के लिए अधिक मात्रा में नट्स का सेवन करते हैं तो कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं, इसलिए सीमित मात्रा में ही इनका सेवन करना चाहिए. क्योंकि नट्स ज्यादा खाने से कब्ज, वेट गेन, विटामिन ई के ओवरडोज की वजह भी बन सकती हैं. इसके अलावा एलर्जी, इन्फ्लेमेशन, रैशेज, सांस लेने में समस्या, जी मचलाने और ब्लड शुगर लेवल में स्पाईक देखने को मिल सकता है.

Published at : 15 Nov 2024 07:31 PM (IST)

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