अलीगढ़। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) शनिवार को अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट (Khair Assembly Seat) पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) केंद्र के पैसे से चलती है, लेकिन वंचितों-पिछड़ों को आरक्षण नहीं दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि अलीगढ़ कैसा होना चाहिए, उसमें खैर की क्या भूमिका होनी चाहिए? इसके बारे में चर्चा करने आपके बीच में आया हूं।
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मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि केंद्र सरकार के पैसे से चलने वाला केंद्रीय संस्थान (AMU) 50 फ़ीसदी मुसलमान को आरक्षण देता है, लेकिन एससी-एसटी (SC-ST), ओबीसी (OBC )अन्य जातियों को वहां आरक्षण नहीं मिलता है। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सुविधा एससी-एसटी (SC-ST) समुदाय को मिलती है, लेकिन एएमयू में ऐसा नहीं किया जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)में आरक्षण नहीं दिया जाता है। जब भारत सरकार का पैसा यूनिवर्सिटी में लगा है, तो नौकरी से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में भी एससी-एसटी (SC-ST), पिछड़ी जातियों के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
जनपद अलीगढ़ के खैर विधान सभा क्षेत्र का जन-जन भाजपा की विकासवादी नीतियों के साथ है।
यहां की सुशासनप्रिय जनता के मध्य… https://t.co/NZdUO9oyxl
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 9, 2024
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आपकी भावना के साथ, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ समझौता कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आपने देखे होंगे। हरियाणा की जनता ने जवाब दिया कि हमें डबल इंजन की सरकार चाहिए। जनता को सुरक्षा का एहसास भाजपा ही दे सकती है। अलीगढ़ से ज्यादा अच्छा उदाहरण आपको क्या मिलेगा? क्योंकि जिन राजा महेंद्र प्रताप को कांग्रेस ने पूरी तरह भुला दिया था, उन राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर भी हमने स्टेट यूनिवर्सिटी अलीगढ़ को दी है। स्टेट यूनिवर्सिटी आने वाले समय में एक उत्कृष्टतम विश्वविद्यालय बने, इसके लिए भाजपा के प्रत्याशी को जितना बहुत जरूरी है।
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि आपने देखा होगा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार है। उसने प्रस्ताव पारित किया है कि कश्मीर में आर्टिकल -370 की बहाली होनी चाहिए। ये जानते हुए कि बाबा साहब अंबेडकर नहीं चाहते थे कि आर्टिकल- 370 भारतीय संविधान में जुड़े, लेकिन पंडित नेहरू की जबरदस्ती ने भारतीय संविधान से कश्मीर को अलग रखा। कश्मीर में आतंकवाद की जड़ धारा-370 है।
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