
कैंसर जैसी बीमारी पहले बुजुर्गों को अपना शिकार बनाती थी. लेकिन अब बदलते जमाने में बुजुर्गों के साथ साथ जवान भी इसकी चपेट में आने लगे हैं जो चिंता का विषय है.बात हो रही है प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)की जो पुरुषों को होता है.

पहले प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क 60 साल की उम्र के बाद होता था लेकिन अब 30 से 40 साल के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में जानते हैं कि युवाओं को ऐसा क्या करना चाहिए कि प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क (Prostate Cancer risk)कम हो.

हाल ही में की गई एक रिसर्च कहती है कि 2022 में भारत में ही प्रोस्टेट कैंसर के 38 हजार से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए हैं. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर का कारण शरीर में जेनेटिक म्यूटेशन है यानी जब शरीर में डीएनए में बदलाव होता है तो कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है.

ये आनुवांशिक हो सकता है और घर में किसी को प्रोस्टेट कैंसर हुआ हो तो संभव है कि आने वाली पीढ़ी के लोग भी इसके शिकार हो जाएं. हालांकि आनुवांशिक कारणों के साथ साथ वजन बढ़ना, स्ट्रेस और हाई बीपी जैसे लाइफस्टाइल से जुड़े कारण भी प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार कहे जा सकते हैं.

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण गंभीर नहीं होते हैं और इसलिए लोग इसे नजरअंदाज करते हैं. यूरिन रुक रुक कर आना, यूरिन में खून आना, यूरिन पास करते समय दर्द होना प्रोस्टेट कैंसर के सामान्य लक्षण हैं.

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं. अपनी लाइफस्टाइल को संतुलित रखा जाए. वजन को कंट्रोल किया जाए और बीपी को कंट्रोल में रखना जरूरी है. हालांकि आनुवांशिक कारणों के मामले में कुछ नहीं किया जा सकता लेकिन ऐसे लोगों को समय समय पर अपनी जांच जरूर करवानी चाहिए. समय समय पर यूरोलॉजिस्ट से यूरिन की जांच करवानी चाहिए. प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए पीएसए टेस्ट और एंटीजन टेस्ट समय समय पर करवाना चाहिए. नियमित एक्सरसाइज, अल्कोहल और स्मोकिंग से दूरी बनाए रखना, सही और संतुलित डाइट, पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी बनाकर प्रोस्टेट कैंसर से बचाव किया जा सकता है.
Published at : 08 Nov 2024 06:36 PM (IST)
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