Chhath Puja 2024 november 7 sandhya arghya evening surya dev puja vidhi and importance

Chhath Puja 2024 Sandhya Arghya: छठ सूर्य उपासना का पर्व है. चार दिवासीय छठ पूजा का तीसरा दिन महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन अस्ताचलगामी (Sunset) यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

संध्या अर्घ्य का मुहूर्त (Chhath Puja 2024 Evening Arghya Date and Time)

छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संध्याकाल में सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल संध्या अर्घ्य 7 नवंबर 2024 को है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शाम 5 बजकर 29 मिनट तक का समय रहेगा.

छठ पर्व के तीसरे दिन क्या-क्या होता है?

  • पंचमी तिथि को खरना (Kharna) के बाद से ही षष्ठी तिथि यानी संध्या अर्घ्य के दिन छठ व्रती पूरे दिन-रात निर्जला व्रत रहती है. इस दिन कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है. अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को ही व्रत का पारण किया जाता है.
  • बांस के सूप या डाला में ठेकुआ, कोनिया, नारियल, फल आदि सजाकर व्रती परिक्रमा करते हुए डूबते सूर्य को अर्घ्य देती है.
  • सूर्यास्त के पहले छठ व्रती और पूरा परिवार संध्या अर्घ्य के लिए तालाब, नदी या घाट किनार पहुंच जाते हैं. इसके बाद भगवान भास्कर को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है.
  • साथ ही छठी मैया की पूजा भी की जाती है. छठ पर्व की षष्ठी तिथि को रात्रि जागरण का भी विधान है.
  •  तीसरे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ विधान पूरा होता है. षष्ठी तिथि पर जिस सूप और डाला में सजे फल-प्रसाद की पूजा की जाती है, चौथ दिन फिर से इन्हीं सूप और डाला को घाट ले जाया जाता है और अर्घ्य देकर पूजा की जाती है.

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