Labh Panchami 2024 After Diwali today is once again an auspicious time for shopping

Labh Panchami 2024: लाभ पंचमी के बारे में धार्मिक किताबों में विस्तार से बताया गया है. व्यापारी और कारोबारी तो इस दिन का साल भर इंतजार करते हैं. आज का दिन क्यों इतना शुभ माना गया है. इस दिन क्या कर सकते हैं और आज पंचांग अनुसार 6 नवंबर 2024 को शुभ मुहूर्त कब से कबतक रहने वावा है, आइए सब जानते हैं-

मांगलिक कामों की खरीदारी करने की परंपरा (Shopping Muhurat Today)
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि लाभ पंचमी पर व्यापारी नए काम शुरू करते हैं. घरों में आकर्षक रोशनी के साथ देर रात तक आतिशबाजी भी करते हैं. लाभ पंचमी पर अबूझ मुहूर्त होने से बाजार में खरीदारी भी होती है. इस मौके पर शादी और अन्य मांगलिक कामों की खरीदारी करने की परंपरा भी है. सौभाग्य पंचमी जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है.

Labh Panchami 2024: दिवाली बाद लाभ पंचमी पर आज एक बार फिर बना खरीदारी का शुभ मुहूर्त

सौभाग्य पंचमी पर भगवान श्री गणेश की विशेष पूजा की जाती है. जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में उन्नति होती है और समृद्धि मिलती है. इस दिन गणेशजी के साथ भगवान शिव का स्मरण करना शुभ फलदायी होता है. सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी इच्छाएं पूरी करता है. इस दिन भगवान के दर्शन और पूजा करने के साथ व्रत भी किया जाता है और कथा सुनी जाती है.

पूजा विधि (Puja Vidhi)
सौभाग्य पंचमी पर सुबह जल्दी नहाने के बाद से सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए. इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान शिव हनुमान जी और गणेश की मूर्तियों की पूजा करें. हो सके तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर श्री गणेश जी के रूप में विराजित करना चाहिए. चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद भगवान शिव को भस्म, बिल्व पत्र, धतूरा, सफेद वस्त्र अर्पित कर पूजन करना चाहिए. गणेशजी को मोदक व शिवजी को अन्य सफेद पकवान का भोग लगाना चाहिए.

लाभ पंचमी का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाभ पंचमी का दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ होता है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन कोई भी नया बिजनेस शुरू किया जा सकता है. लाभ पंचमी का त्योहार गुजरात मे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मान्यतानुसार इस दिन बिजनेसमैन नया बहीखाता शुरू करते हैं. साथ ही बहीखाता पर रोली-चंदन से शुभ-लाभ लिखते हैं.

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