Air Pollution Effects in Pregnancy : दिल्ली का वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक लेवल पर है. दिवाली के बाद बढ़े AQI का असर सेहत पर पड़ने लगता है. इससे प्रेगनेंट महिलाएं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत भी प्रभावित हो रही है. यही वजह है कि डॉक्टर इस जहरीली हवा में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से मना कर रहे हैं. खासतौर पर गर्भावस्था के शुरुआती और आखिरी समय में महिलाओं को घर में ही रहने की सलाह दी जा रही है. आइए जानते हैं दिल्ली का पॉल्यूशन (Delhi Air Pollution) प्रेगनेंट महिलाएं और अजन्मे बच्चे के लिए कितना खतरनाक है…
प्रेगनेंसी पर पॉल्यूशन का असर
प्रदूषण मां और बच्चे की सेहत के लिए कितना खतरनाक
स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अभी देश में प्रदूषण के प्रेग्नेंसी पर असर को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं की गई है लेकिन कुछ रिसर्च में पता चला है कि प्रेगनेंसी में वायु प्रदूषण में रहने से प्री-मैच्योर डिलीवरी और लो-बर्थ वेट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इससे बच्चे का इम्यून सिस्टम विकसित ही नहीं हो पाता है.
लो-बर्थ वेट होने पर इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन जैसी कंडीशन बन रही है जो बच्चों के लिए रिस्की है. इससे बच्चे के जन्म के बाद कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं. इस हवा में सांस लेना गर्भवती महिलाओं के लिए कठिन हो सकता है, जिसका असर प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे में होता है. इससे बच्चे का विकास नहीं हो पाता है. हाल में हुए एक रिसर्च में तीन महीने के भ्रूण में भी पॉल्यूशन के कण पाए गए हैं. फीटस (fetus) के लिवर, लंग्स, दिमाग में पीएम 2.5 पार्टिकल्स मिले हैं.
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प्रेगनेंसी में प्रदूषण से क्या-क्या खतरे
फर्टिलिटी प्रभावित
मिसकैरेज का खतरा
कंसीव न कर पाना
प्री-मैच्योर डिलीवरी
प्रेगनेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में बच्चे की दिल की धड़कने रुकने का खतरा
IVF में लाइव बर्थ रेट कम होना
IVF में बच्चे के जिंदा होने की संभावना कम होना
बच्चे की सांस और हार्ट में समस्याएं
ब्रेन का सही तरह विकास न हो पाना
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