छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है, इस साल नहाय खाय 5 नवंबर 2024 को है. इसके बाद 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
छठ पूजा के दिन नदी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करना चाहिए. मान्यता है इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं, कुंडली में सूर्य मजबूत होते हैं और व्यक्ति मान-सम्मान पाता है.
छठ पूजा के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे संतान को खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है. संतान के लिए किया जाने वाले इस व्रत के प्रभाव से उसके जीवन में कष्ट नहीं आते.
छठ पूजा के दिन एक लाल कपड़े में गेहूं और थोड़ा सा गुड़ बांधकर दान करने से भी संतान के जीवन में सुख आते हैं और उसके जीवन में विकास शुरू हो जाता है.
छठ पूजा के दिन संतान प्राप्ति और बच्चों की सुख-समृद्धि के लिए स्नान के बाद सूर्य देव के 12 नामों का जप करते हुए- रवि, दिनकर, दिवाकर, रश्मिमते, प्रभाकर, सविता, भुवनेश्वर, सूर्य, भानु, आदिदेव और सप्तरथी बोलते हुए अर्घ्य दें.
छठ पूजा का मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
Published at : 04 Nov 2024 09:09 AM (IST)
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Surya Arghya Chhath Puja 2024
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