इस गंभीर बीमारी से परेशान थे कपिल शर्मा, एक बार सुसाइड करने तक का आया था खयाल

<p>&lsquo;द कपिल शर्मा शो&rsquo; को जबरदस्त सफलता मिली. कपिल शर्मा उस समय सबसे अधिक भुगतान पाने वाले टीवी व्यक्तित्वों में से एक थे. उनके शो पर अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए सेलेब्स की लाइन लगी रहती थी और हर बड़ा सितारा इसमें शामिल होता था. इसके बाद ब्रैंड एंडोर्समेंट भी होने लगे. कपिल शर्मा ने कहा कि 2017 में शोहरत और पैसा होने के बावजूद वह उदास और अकेले थे.</p>
<p>इस दौरान उन्होंने अपनी जान लेने के बारे में भी सोचा था. कॉमेडियन और एक्टर कपिल शर्मा ने अपनी जिंदगी के उस दौर के बारे में बात की जब उन्होंने 2017 में अपनी जिंदगी खत्म करने के बारे में सोचा था. ऐसा तब हुआ जब उनकी फिल्म किस किस को प्यार करूं बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी और उसके बाद उसी साल उनके द कपिल शर्मा शो में शामिल कॉमेडियन सुनील ग्रोवर के साथ उनकी अनबन हो गई थी.अतीत को याद करते हुए उन्होंने इसे एक सीखने वाला अनुभव बताया जिससे वे उबर चुके हैं.</p>
<p><strong>कपिल ने अपने डिप्रेशन को लेकर कही ये बात</strong></p>
<p>कपिल ने कहा, उस दौर में मैंने आत्महत्या करने के बारे में सोचा. मुझे लगा कि ऐसा कोई नहीं है जिसके साथ मैं अपनी भावनाओं को साझा कर सकूं. मैं जिस जगह से आता हूं, वहां मानसिक स्वास्थ्य ऐसी चीज नहीं है जिस पर चर्चा की जाती है। मुझे नहीं लगता कि यह पहली बार था जब मैं इस दौर से गुजरा। हो सकता है, बचपन में मुझे निराशा हुई होगी, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया होगा.</p>
<p>एक बार जब आप पैसा कमाने के लिए बाहर जाते हैं, और आप अकेले होते हैं, तो आपका ख्याल रखने वाला, आपको चीजें समझाने वाला कोई नहीं होता है, आपको पता नहीं चलता कि आपके आस-पास के लोगों के मन में गलत इरादे हैं, खासकर अगर आप एक कलाकार हैं। लेकिन जब आप ऐसे दौर से गुजरते हैं, तो आप अपने आस-पास हो रही चीजों पर ध्यान देना शुरू कर देते हैं. आपकी आंखें खुल जाती हैं. अगर एक कलाकार संवेदनशील है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह मूर्ख है.</p>
<p><strong>डिप्रेशन के लक्षण</strong></p>
<p>मानसून का मौसम अपने साथ बारिश और ठंडक लाता है, लेकिन कई लोगों के लिए यह खुशियों की बजाय उदासी और तनाव का समय बन जाता है. इसे मानसून डिप्रेशन कहा जाता है. मानसून डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को उदासी, निराशा और थकान महसूस होती है.</p>
<p><strong>उदासी और निराशा:</strong> लगातार उदास और निराश महसूस करना, जिससे जीवन में किसी भी चीज में खुशी नहीं मिलती.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title="क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/does-morning-walk-reduce-diabetes-read-full-article-in-hindi-2813993" target="_self">क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब</a></strong></p>
<p><strong>थकान:</strong> हर समय थकान महसूस करना और ऊर्जा की कमी, जिससे कोई भी काम करने का मन नहीं करता.</p>
<p><strong>ये भी पढें:&nbsp;<a title="क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/does-morning-walk-reduce-diabetes-read-full-article-in-hindi-2813993" target="_self">क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब</a></strong></p>
<p><strong>नींद की समस्या:</strong> बहुत ज्यादा सोना या बिलकुल नींद न आना, जिससे दिनभर थकान और आलस्य महसूस होता है.</p>
<p><strong>भूख में बदलाव:</strong> बहुत ज्यादा खाना या भूख का बिल्कुल न लगना, जिससे शरीर का वजन बढ़ या घट सकता है.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title="क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/does-morning-walk-reduce-diabetes-read-full-article-in-hindi-2813993" target="_self">क्या रोजाना मॉर्निंग वॉक से कम हो सकता है डायबिटीज? जान लें जवाब</a></strong></p>

Read More at www.abplive.com