Bone Donation: दिल्ली का एक कॉलेज छात्र जो अपने घुटनों के जॉइंट बोन के लॉस के कारण चलने फिरने में मजबूर हो गया था,वो अब फिर से चल फिर सकेगा. जी हां एम्स के डॉक्टरों ने इस छात्र के घुटने की सर्जरी करके उसके नी जॉइंट बोन को बोन डोनर की हड्डियों से रिप्लेस कर दिया है. इससे अब छात्र फिर से चल फिर सकेगा और इसके लिए वो डोनर को धन्यवाद दे रहा है.
आपको बता दें कि एक हादसे में इस छात्र के घुटने के जॉइंट बोन टूट गए थे. एम्स के ट्रॉमा सेंटर में ये सर्जरी की गई. देश में कई सारे बोन बैंक हैं जहां डोनर हड्डियां दान करके जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं.
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बोन डोनेशन की मदद से फिर से चलने फिरने लगा युवक
एम्स में ये सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम ने बताया कि एक मृतक डोनर द्वारा दान की गई हड्डियों को को इस छात्र के बाएं पैर के घुटने की हड्डी की जगह रिप्लेस किया गया. हादसे में ये हड्डी टूट गई थी जिसके चलते छात्र चलने फिरने को मोहताज हो गया था. डॉक्टरों ने बताया कि हालांकि बोन डोनेशन लोगों की जान बचा नहीं सकती है लेकिन इससे लोगों की जिंदगी सुधर जरूर सकती है.
देश में हर रोज हजारों लोग रोड एक्सीडेंट में अपनी हड्डियां तुड़वा बैठते हैं. सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों में 70 फीसदी लोग 20 से 40 साल की उम्र के होते हैं. ऐसे लोग अक्सर एक्सीडेंट के बाद हड्डी टूटने पर जिंदगी जीने में दिक्कत महसूस करते हैं. ऐसे में बोन बैंक की मदद से वो फिर से एक्टिव लाइफ जी सकते हैं.
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इस डर से बोन डोनेशन से डरते हैं लोग
आपको बता दें कि हालांकि देश में कई बोन बैंक खुले हैं लेकिन जागरुकता के अभाव में लोग यहां हड्डियों का दान नहीं करते हैं. लोगों को डर रहता है कि अगर बोन डोनेशन किया गया तो डोनर के शव का हाल बुरा हो जाएगा. खासतौर पर युवा डोनर बहुत कम हैं और बोन डोनेशन के लिए युवा डोनर की जरूरत पड़ती है. स्पेशलिस्ट कहते हैं कि देश के हर अस्पताल में बोन होना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी अपनी जिंदगी फिर से एक्टिव तरीके से जी सके.
आपको बता दें कि फिलहाल इंदौर और जबलपुर सहित कुछ जगहों बोन बैंक काफी सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. बोन बैंक का खासियत ये है कि यहां दान की गई हड्डियों को पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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