कोटक महिंद्रा बैंक के लिए दूसरी तिमाही मुश्किल रही है। बैंक के प्रदर्शन पर आरबीआई के प्रतिबंधों का असर दिखा। बैंक की एसेट क्वालिटी पर भी दबाव दिखा, जो चैंकाने वाली बात है। कोटक महिंद्रा बैंक का फोकस एसेट क्वालिटी पर रहा है। हालांकि, डिपॉजिट के मोर्चे पर अच्छी खबर है। साथ ही मार्केट लिंक्ड बिजनेस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा।
बीते एक साल में निवेशकों को नहीं मिला रिटर्न
बैंक ने मीडियम टर्म में महत्वाकांक्षी टारगेट तय किया है। RBI के प्रतिबंधन हटने के बाद बैंक के फिर से अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की उम्मीद है। Kotak Mahindra Bank की फाइनेंशियल सर्विसेज हाई क्वालिटी की रही हैं। इसलिए मौजूदा प्राइस पर लंबी अवधि के लिहाज से इस स्टॉक में निवेश बढ़ाया जा सकता है। इस स्टॉक ने बीते एक साल में निवेशकों को निराश किया है।
कोटक ग्रुप की कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन
कोटक बैंक का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में कमजोर रहा। लेकिन, कोटक ग्रुप की कई कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इनमें Kotak Securities, Kotak AMC, Kotak Mahindra Capital और इंश्योरेंस कंपनी का बिजनेस शामिल है। इससे अलग-अलग तरह की फाइनेंशियल सर्विसेज में कोटक महिंद्रा ग्रुप को अपनी मौजूदगी का फायदा मिलता दिख रहा है। माइक्रोफाइनेंस के क्षेत्र में चुनौतियां हैं, जिसका असर BSS Microfinance और Sonata Microfinance पर पड़ा।
डिपॉजिट ग्रोथ दूसरी तिमाही में 16 फीसदी रही
बैंकों के बीच डिपॉजिट के मामले में काफी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में कोटक महिंद्रा बैंक की एवरेज डिपॉजिट ग्रोथ साल दर साल आधार पर 16 फीसदी रही। यह एडवान्स की 14.7 फीसदी ग्रोथ से थोड़ी ज्यादा है। साल दर साल आधार पर डिपॉजिट ग्रोथ 15 फीसदी रही। इनोवेटिव टीडी स्वीप में तिमाही दर तिमाही आधार पर ग्रोथ दिखी। CASA भी तिमाही दर तिमाही आधार पर बढ़कर 43.6 फीसदी पर पहुंच गया। कॉस्ट ऑफ फंड में तिमाही दर तिमाही आधार पर 5 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा हुआ।
कुल लोन बुक में अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी घटी
आरबीआई ने नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसका असर क्रेडिट ग्रोथ पर देखने को मिला। कुछ राज्यों में लोन की वसूली (Collection) में चैलेंज को देखते हुए बैंक ने अपने माइक्रोफाइनेंस बिजनेस में कमी करने का फैसला किया। आरबीआई के प्रतिबंध की वजह से कोटक महिंद्रा बैंक के कुल लोन बुक में अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी घटकर 11.3 फीसदी पर आ गई। यह हिस्सेदारी पहली तिमाही में 11.6 फीसदी थी।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड से डील का मिलेगा फायदा
कोटक बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड के पर्सनल लोन पोर्टफोलियो के अधिग्रहण का ऐलान किया है। यह डील 4,100 करोड़ रुपये में होगी। यह बैंक की बुक का मुश्किल से 1 फीसदी है। इससे बैंक को बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलेगी। लेकिन, इससे कोटक महिंद्रा बैंक को ऐसे 95,000 कस्टमर्स मिल जाएंगे, जिनके पास पैसे की कमी नहीं है। बैंक इन ग्राहकों को अपने दूसरे प्रोडक्टस बेच सकेगा।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
आरबीआई प्रतिबंध कब हटाएगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन, इस प्रतिबंध के हटने पर कोटक बैंक ज्यादा मजबूत होकर सामने आएगा। प्राइवेट बैंकों में नंबर तीन की पोजीशन हासिल करने की उसकी कोशिश भी आक्रामक होगी। बैंक के पास अपनी लेंडिंग यील्ड बढ़ाने की क्षमता है। वह अनसेक्योर्ड लोन पर अपना फोकस बढ़ा सकता है। अभी प्रतिद्वंद्वी बैंकों के मुकाबले कोटक का अनसेक्योर्ड लोन कम है। FY26 की अनुमानित कोर बैंकिंग बुक के 2 गुना पर इसमें अभी ट्रेडिंग हो रही है। यह वैल्यूएशन अट्रैक्टिव है। ऐसे में लंबी अवधि में कोटक बैंक का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। निवेशक लंबी अवधि के लिहाज से इस बैंक के शेयरों में निवेश बढ़ा सकता है।
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