निफ्टी 26000 को पार करने के बाद नीचे आया है। लंबे समय बाद इतनी ज्यादा गिरावट दिखी है। अभी इस का कोई संकेत नहीं है कि यह गिरावट कहां जाकर रुकेगी। यह देखते हुए पिछले काफी समय से बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई थी, इस गिरावट की सीमा बताना मुश्किल है। सवाल है कि क्या इस बारे में ऑप्शंस डेटा से कुछ मदद मिल सकती है?
इंप्लॉयड वोलैटिलिटी (IV) एक ऑप्शन डेटा (Options Data) है, जिसका इस्तेमाल बॉटम के कैलकुलेशन के लिए किया जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ एक संभावना होगी। लेकिन, पहले यह समझ लेना जरूरी है कि इंप्लॉयड वोलैटिलिटी का मतलब क्या है। ऑप्शन प्रीमियम (कॉल/पुट) पांच वेरिएबल पर निर्भर करता है। इनमें अंडरलाइंड प्राइस, स्ट्राइक प्राइस, टाइम-टू-एक्सपायरी, इंटरेस्ट रेट और वोलैटिलिटी शामिल हैं। पहले चार वेरिएबल की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होती है। उनकी इनपुट वैल्यू को लेकर किसी तरह का संशय नहीं है।
दूसरी बात यह कि वोलैटिलिटी का कैलकुलेशन अलग-अलग लोग अलग-अलग तरह से करते हैं। लेकिन, इस पर चर्चा करने की बजाय हम किसी दिए गए प्रीमियम के चार वेरिएबल्स और बैक-कैलकुलेटिंग के आधार पर वोलैटिलिटी का पता लगा सकते हैं।
आईवी किसी स्टॉक की वोलैटिलिटी नहीं है जिसे उसके हिस्टोरिकल रिटर्न के आधार पर निकाला जाता है बल्कि इसे प्रीमियम से निकाला जाता है। बैक-कैलकुलेटिंग फिगर के अलावा एक और फैक्टर है, जो हिस्टोरिकल वोलैटिलिटी से अलग आईवी तय करता है। इसका मतलब यह है कि आईवी का इस्तेमाल मार्केट में उतारचढ़ाव का अंदाजा लगाने के लिए बतौर प्रॉक्सी किया जा सकता है।
आईवी न सिर्फ किसी स्टॉक या इंडेक्स के पास्ट मूवमेंट्स के बारे में इंफॉर्मेशन देता है बल्कि यह भविष्य की संभावनाओं के बारे में भी बताता है। यह फॉरवर्ड लुकिंग है। इसलिए आईवी भविष्य में वोलैटिलिटी का एक संकेत है। हम बॉटम का अंदाजा लगाना शुरू करें, इससे पहले दो खास चीजों की चर्चा जरूरी है।
1. वोलैटिलिटी का रेंज-बाउंड नेचर। यह एक रेंज में चढ़ता-उतरता है और इसका ट्रेंड स्टॉक्स की तरह नहीं होता है।
2. स्टॉक या इंडेक्स के साथ निगेटिव रिलेशनशिप। जब स्टॉक चढ़ता है तो यह गिर जाता है और जब स्टॉक गिरता है तो चढ़ता है।
इन खासियतों और फ्यूचर एक्सपेक्टेशन के साथ आईवी ज्यादा संभावना वाले बॉटम जोन का एक संकेत देता है। यह ध्यान रखना होगा कि आईवी चूंकि एक रेंज में मूव करता है जिससे यह टॉप्स और बॉटम्स एक सीमित रेंज में पाने की कोशिश करता है। दूसरा, यह उम्मीद करना सही है कि पिछला टॉप अहम प्वाइंट हो सकता है। इस तरह आईवी बगैर दूसरी जगह देखे संभावित बॉटम का पता लगाने में मदद कर सकता है।
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आखिर में यहां जिस आईवी की बात की गई है, वह आईवी स्ट्राइक प्राइस का है जो निफ्टी के करेंट मार्केट प्राइस के सबसे करीब है। इसलिए एनएसई के इंडिया वीआईएक्स का इस्तेमाल इस तरह के ऑब्जर्वेशन के लिए निफ्टी के साथ किया जा सकता है।
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