इंडियन मार्केट में करेक्शन जारी है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह अगली तेजी से पहले का करेक्शन है। सवाल है कि अगर मार्केट की अगली तेजी का फायदा उठाना है तो अभी किन सेक्टर या स्टॉक्स में निवेश करना सही रहेगा? मनीकंट्रोल ने इस बारे में शीतल मालपानी से बात की। मालपानी तमोहरन में इक्विटी के हेड हैं। उन्हें कैपिटल मार्केट्स का 14 साल का अनुभव है। मनीकंट्रोल ने उनसे स्टॉक्स मार्केट के बारे में कई अहम सवाल पूछे।
ऑटो खासकर टू-व्हीलर स्टॉक्स से दूर रहने में भलाई
उन्होंने कहा कि लग्जरी कंजम्प्शन और इंपोर्ट सब्सिट्यूशन ऐसे दो पॉकेट्स हैं, जिस पर वह बुलिश हैं। इसके अलावा वे बैंकिंग खासकर प्राइवेट बैंक (Private Banks), कुछ चुनिंदा केमिकल (Chemical Stocks) और फार्मा स्टॉक्स (Pharma Stocks) में खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने ऑटो खासकर टू-व्हीलर कंपनियों के स्टॉक्स से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आईटी स्टॉक्स में तेजी आने के बाद वह इनमें अपना निवेश घटाएंगे। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट साइकिल में बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा आईटी कंपनियों को मिलने की उम्मीद है।
स्मॉलकैप में निवेश से पहले सही कंपनी की पहचान जरूरी
स्मॉलकैप स्टॉक्स (Smallcap Stocks) में निवेश के मौके के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि निवेशकों को इस स्पेस में निवेश करने के लिए उन कंपनियों को सेलेक्ट करना होगा जिनकी एग्जिक्यूशन कैपेबिलिटीज अच्छी है और जो अपने सीमित रिसोर्सेज का अच्छा इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि एक ही सेक्टर में ऐसी कंपनी है जिसने पैसे को 10 गुना कर दिया है। साथ ही कुछ ऐसी भी कंपनियां हैं, जिन्होंने निवेशकों का पैसा डुबाया है। मेरा मानना है कि हमें ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए जिनकी ग्रोथ 15-16 फीसदी रहने की संभावना है। ऐसी कंपनियां का रिटर्न रेशियो 18-20 फीसदी हो सकता है।
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फॉर्मा सेक्टर में दिख रही अच्छी संभावना
फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल वह इस सेक्टर को लेकर ओवरवेट हैं। लेकिन इस सेक्टर में हर कंपनी के लिए अलग-अलग तरह के मौके हैं। उदाहरण के लिए सभी कंपनियां CDMO (कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गेनाइजेशन) के रूप में अपनी पहचान नहीं बनाना चाहती हैं। कई कंपनियों को अमेरिका में बायोसेक्योर एक्ट से फायदा हो सकता है।
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