Navratri 2024 mata vindhyavasini temeple free Bhandara continues in 30 years

Maa Vindhyavasini: माता रानी का एक ऐसा मंदिर जहां 30 सालों से लगातार भंडारे की परंपरा जारी है. जहां रोजाना 5 हजार से ज्यादा भूखे लोगों को खाना खिलाने का काम करता है शुक्ला परिवार. इस भंडारे की शुरुआत विंधेश्वरी ग्रुप के संस्थापक राजेंद्र शुक्ला ने विंध्याचल में शुरू की थी. जो आगे चलकर उनके भतीजे शशिकांत शुक्ला उर्फ सोनू के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रही है.

आपको जानकार हैरानी होगी कि हर साल चैत्र नवरात्रि और आश्विन मास की नवरात्रि के दौरान तकरीबन 5 हजार से ज्यादा लोगों को यहां प्रतिदिन भोजन कराया जाता है. इसके अलावा शुक्ला परिवार निशुल्क आश्रम भी चलाता है, जहां हर किसी की देखभाल की जाती है.

शशिकांत शुक्ला बताते है कि हमारा परिवार लखनऊ में छप्पर के नीचे चाय बेचते थे. किसी भी तरह का साधन न हो पाने के कारण बेंच पर ही सोते थे. व्यापार करने के लिए अपने जेवर तक गिरवी दिया. मेरे चाचा राजेंद्र शुक्ला ने विंध्याचल में भंडारे की शुरुआत 50 किलो आटा और 25 किलो चावल के साथ शुरू की थी. मां के आशीर्वाद से आज उनके द्वारा चलाई गई सेवा से आज 5000 लोगों को भोजन कराया जाता है.

शशिकांत ने बताया की अभी तक 70 से 90 हजार लोग भोजन ग्रहण कर चुके हैं. हर रोज सुबह 10 बजे से ये भंडारा शुरू होता है. वही इस भंडारे की खास बात ये है कि इस में किसी भी तरह की अन्न की बर्बादी नहीं होती है. खाना परोसने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखते हैं कि खाना कोई बर्बाद न करे. इस भंडारे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है. लोगों की सेवा करना ही हमारा परम धर्म है.

विंध्याचल के पंडितों का कहना है कि इस भंडारे में सभी लोगों को खाने की छूट होती है. किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है. शुक्ला परिवार द्वारा चलाया जा रहा भंडारा बेसहारे और गरीब लोगों का पेट भरने का काम करता है. 

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