Gandhi Jayanti 2024 Mahatma gandhi was hold Bhagwad geeta at the time of death

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया.  गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया. गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया.  गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया. गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया.  गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया. गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया.  गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

बापू ने दुनिया की एक बहुत बड़ी आबादी और मानवता को प्रभावित किया. गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इतना ही नहीं आज भी गांधी जी कई लोगों के लिए प्रेरणास्तोत्र हैं.

गांधीजी का मानना था कि अगर हर इंसान गीता को कंठस्थ कर ले, गीता में लिखी बातों पर अमल कर लें  तमाम परेशानियों के बावजूद उसका जीवन सफल हो जाता है.

गांधीजी का मानना था कि अगर हर इंसान गीता को कंठस्थ कर ले, गीता में लिखी बातों पर अमल कर लें तमाम परेशानियों के बावजूद उसका जीवन सफल हो जाता है.

महात्मा गांधीजी ने गीता को लेकर एक गहरी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि ''जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है तो मैं गीता को एक उम्मीद की किरण के रूप देखता हूं. गीता में मुझे एक छंद मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है. मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूं.

महात्मा गांधीजी ने गीता को लेकर एक गहरी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि ”जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है तो मैं गीता को एक उम्मीद की किरण के रूप देखता हूं. गीता में मुझे एक छंद मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है. मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूं.

Published at : 30 Sep 2024 06:10 PM (IST)

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