know pilates exercise benefits for seniors people

स्वस्थ रहने की दौर में लोग तरह तरह के व्यायाम और एक्सरसाइज (exercise)करते हैं. पिलाटे (Pilates exercise)हर उम्र के लिए फायदे एक्सरसाइज कही जाती है. दरअसल पिलाटे की मदद से शरीर में बेहतर संतुलन बनाने के साथ साथ मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर को मजबूत शेप मिलती है.

स्वस्थ रहने की दौर में लोग तरह तरह के व्यायाम और एक्सरसाइज (exercise)करते हैं. पिलाटे (Pilates exercise)हर उम्र के लिए फायदे एक्सरसाइज कही जाती है. दरअसल पिलाटे की मदद से शरीर में बेहतर संतुलन बनाने के साथ साथ मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर को मजबूत शेप मिलती है.

देखा जाए हर उम्र में पिलाटे (Pilates exercise benefits) करना फायदेमंद है लेकिन खासतौर पर बुजुर्गों के लिए ये काफी लाभदायक साबित होती है. आमतौर पर कहा जाता है कि ज्यादा उम्र में एक्सरसाइज देखकर करनी चाहिए लेकिन पिलाटे के साथ ऐसा नहीं हैं. इसे ज्यादा उम्र के लोग भी आसान से कर सकते हैं.

देखा जाए हर उम्र में पिलाटे (Pilates exercise benefits) करना फायदेमंद है लेकिन खासतौर पर बुजुर्गों के लिए ये काफी लाभदायक साबित होती है. आमतौर पर कहा जाता है कि ज्यादा उम्र में एक्सरसाइज देखकर करनी चाहिए लेकिन पिलाटे के साथ ऐसा नहीं हैं. इसे ज्यादा उम्र के लोग भी आसान से कर सकते हैं.

बढ़ती उम्र में जब शरीर में संतुलन की कमी होने लगती है, ऐसे में पिलाटे काफी फायदेमंद साबित होता है. इस दौर में हड्डियां कमजोर होकर भुरभुरी होने लगती है औऱ मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है. कमजोर होती हड्डियों की मजबूती बनाए रखने और बोन डेंसिटी को बनाए रखने के लिए पिलाटे काफी कारगर साबित होती है.

बढ़ती उम्र में जब शरीर में संतुलन की कमी होने लगती है, ऐसे में पिलाटे काफी फायदेमंद साबित होता है. इस दौर में हड्डियां कमजोर होकर भुरभुरी होने लगती है औऱ मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है. कमजोर होती हड्डियों की मजबूती बनाए रखने और बोन डेंसिटी को बनाए रखने के लिए पिलाटे काफी कारगर साबित होती है.

जब हड्डियों की डेंसिटी कमजोर होती है तो मुड़ना, बैठना, कुछ उठाना औऱ दूसरी तरह की एक्टिविटी करने पर शरीर दर्द करने लगता है. ऐसे में पिलाटे की मदद से हड्डियों की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और बोन डेंसिटी भी मजबूत होती है. ये शरीर को संतुलित बनाने में मदद करती हैं तो ज्यादा उम्र में गिरने और चोट लगने की संभावना भी कम होती है.

जब हड्डियों की डेंसिटी कमजोर होती है तो मुड़ना, बैठना, कुछ उठाना औऱ दूसरी तरह की एक्टिविटी करने पर शरीर दर्द करने लगता है. ऐसे में पिलाटे की मदद से हड्डियों की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और बोन डेंसिटी भी मजबूत होती है. ये शरीर को संतुलित बनाने में मदद करती हैं तो ज्यादा उम्र में गिरने और चोट लगने की संभावना भी कम होती है.

साठ साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को  खास तरह के पिलाटे एक्सरसाइज पर फोकस करना चाहिए. इसमें लेग रेज पिलेट्स, सिंगल लेग स्ट्रेच, मरमेड और साइड सर्किल करनी बहुत फायदेमंद हो सकती है. लेग रेज पिलाटे में घुटनों के बल एक्सरसाइज की जाती है. इससे संतुलन बनता है और लोअर बॉडी मजबूत बनती है. सिंगल लेग स्ट्रेच से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

साठ साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को खास तरह के पिलाटे एक्सरसाइज पर फोकस करना चाहिए. इसमें लेग रेज पिलेट्स, सिंगल लेग स्ट्रेच, मरमेड और साइड सर्किल करनी बहुत फायदेमंद हो सकती है. लेग रेज पिलाटे में घुटनों के बल एक्सरसाइज की जाती है. इससे संतुलन बनता है और लोअर बॉडी मजबूत बनती है. सिंगल लेग स्ट्रेच से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

साठ साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को  खास तरह के पिलाटे एक्सरसाइज पर फोकस करना चाहिए. इसमें लेग रेज पिलेट्स, सिंगल लेग स्ट्रेच, मरमेड और साइड सर्किल करनी बहुत फायदेमंद हो सकती है. लेग रेज पिलाटे में घुटनों के बल एक्सरसाइज की जाती है. इससे संतुलन बनता है और लोअर बॉडी मजबूत बनती है. सिंगल लेग स्ट्रेच से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

साठ साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को खास तरह के पिलाटे एक्सरसाइज पर फोकस करना चाहिए. इसमें लेग रेज पिलेट्स, सिंगल लेग स्ट्रेच, मरमेड और साइड सर्किल करनी बहुत फायदेमंद हो सकती है. लेग रेज पिलाटे में घुटनों के बल एक्सरसाइज की जाती है. इससे संतुलन बनता है और लोअर बॉडी मजबूत बनती है. सिंगल लेग स्ट्रेच से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

Published at : 24 Sep 2024 06:02 PM (IST)

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