केंद्र ने बदला पोर्ट ब्लेयर का नाम, अब कहलाएगा ‘श्री विजय पुरम’; अमित शाह का ऐलान

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। शाह ने कहा कि पोर्टब्लेयर नाम औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है। इसलिए सरकार ने इसका नाम बदलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान निकोबार के योगदान को दर्शाता है।

केंद्र ने बदला पोर्ट ब्लेयर का नाम, अब कहलाएगा ‘श्री विजय पुरम’; अमित शाह का ऐलान
Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 Sep 2024 12:34 PM
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केंद्र सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजय पुरम’ कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया। शाह ने कहा कि पोर्टब्लेयर नाम औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है। इसलिए सरकार ने इसका नाम बदलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ‘श्री विजय पुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान निकोबार के योगदान को दर्शाता है।

शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है, “प्रधानमंत्री @narendramodi जी के राष्ट्र को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, आज हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर “श्री विजय पुरम” करने का निर्णय लिया है।”

उन्होंने आगे लिखा, “पहले के नाम में औपनिवेशिक विरासत की छाप थी। श्री विजय पुरम हमारे स्वतंत्रता संग्राम में प्राप्त विजय और उसमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका का प्रतीक है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का अद्वितीय स्थान है। यह द्वीप क्षेत्र जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है। यह वह स्थान भी है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने पहली बार तिरंगा फहराया था और यहां वह सेलुलर जेल भी है, जहां वीर सावरकर जी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था।”

बता दें कि पिछली जनवरी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस के अवसर पर इस केंद्र शासित प्रदेश के 21 बड़े अनाम द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा था। प्रधानमंत्री ने नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी वहां अनावरण किया था, जिसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाया गया है। इस द्वीप को पहले रॉस द्वीप के नाम से जाना जाता था।

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