हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) को ‘महारत्न’ का दर्जा मिल सकता है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों ने यह बताया। अनुमान है कि एचएएल इस साल के अंत तक महारत्न कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाएगी। इससे पहले सरकार ने ऑयल इंडिया को पिछले साल अगस्त में महारत्न का दर्जा दिया था। महारत्न का दर्जा मिलने के बाद कंपनी के मैनेजमेंट को निवेश सहित कई तरह के फैसले लेने का अधिकार मिल जाता है।
महारत्न की कैटेगरी में 13 कंपनियां शामिल
सरकार अपनी कंपनियों को प्रदर्शन के आधार पर मिनीरत्न, नवरत्न और महारत्न जैसी कैटेगरी में रखता है। अभी 13 सरकारी कंपनियों को महारत्न का दर्जा शामिल है। इनमें BHEL, BPCL, Coal India, GAIL, Indian Oil, ONGC, Power Grid, Sail, Oil India, REC और PFC शामिल हैं। महारत्न का दर्जा मिलने के बाद कंपनी अपने नेटवर्थ के 15 फीसदा का निवेश किसी प्रोजेक्ट में सरकार की इजाजत के बगैर कर सकती है। वह सरकार की इजाजत के बगैर में विदेश में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती है।
महारत्न के दर्जा के लिए कई शर्तें
महारत्न का दर्जा हासिल करने के लिए कंपनी को कुछ शर्तें पूरी करनी पड़ती है। कंपनी का औसत टर्नओवर 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए। औसत सालाना नेटवर्थ 15,000 रुपये से ज्यादा होना चाहिए। औसत सालाना नेट प्रॉफिट पिछले तीन साल में 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए। महारत्न का दर्जा मिलने के बाद कंपनी की सरकार पर निर्भरता कम हो जाती है। HAL डिफेंस सेक्टर खासकर एयरफोर्स के लिए लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर बनाती है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने डिफेंस इक्विपमेंट का उत्पादन देश में ही करने पर जोर दिया है। इसका फायदा एचएएल जैसी कंपनियों को मिला है। इससे इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें भी चढ़ी हैं।
इस साल 64 फीसदी चढ़ा है एचएएल का स्टॉक
महारत्न कंपनी देश और विदेश में विलय और अधिग्रहण कर सकती है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयरों में इस साल अच्छी तेजी आई है। यह शेयर इस साल जुलाई में 5,674 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था। हालांकि, उसके बाद इसमें कुछ गिरावट देखने को मिली है। फिर भी, इस साल यह स्टॉक 64 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। 13 सितंबर को इस शेयर का प्राइस 12:20 बजे 0.18 फीसदी की मजबूती के साथ 4,650 रुपये चल रहा था।
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