Bhadrapada Amavasya 2024: पितरों (Pitra) की शांति के लिए अमावस्या पर स्नान-दान, श्राद्ध (Shradha), तर्पण और पिंडदान (Pind daan) करने का विधान है. मान्यता है इससे पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वह परिवार के लोगों को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
पितरों (Pitru) के आशीर्वाद से वंश वृद्धि, नौकरी में तरक्की या धन पाने में आ रही बाधाओं का नाश होता है. इस साल भाद्रपद अमावस्या 2 या 3 सितंबर कब मनाई जाएगी, यहां जान लें सही तारीख और स्नान-दान का मुहूर्त.
भाद्ररपद अमावस्या 2 या 3 सितंबर 2024 में कब ? (Bhadrapada Amavasya 2 or 3 September 2024)
भाद्रपद अमावस्या तिथि 2 सितंबर 2024 को सुबह 05.21 पर शुरू होगी और 3 सितंबर को सुबह 07.24 पर समाप्त होगी. अमावस्या का स्नान-दान उदयातिथि से मान्य होता है. ऐसे में भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर 2024 को मान्य होगी. इस पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगा साथ ही सोमवार होने से सोमवती अमावस्या (Somvati amavasya) का संयोग बनेगा.
- स्नान मुहूर्त – सुबह 04.38 – सुबह 05.24
- देव पूजा मुहूर्त – सुबह 06.09 – सुबह 07.44
- पितरों के श्राद्ध का समय – दोपहर 12 बजे के बाद, सूर्यास्त से पहले तक.
भाद्रपद अमावस्या पर लक्ष्मी जी को करें प्रसन्न (Bhadrapada Amavasya Laxmi ji Upay)
भादों अमावस्या से पहले जो शुक्रवार (Shukrawar) पड़ रहा है उस दिन सौ ग्राम चावल की ढेरी बनाकर उस पर लक्ष्मी जी को स्थापित करें. रोजाना मां लक्ष्मी (Laxmi ji) पर एक-एक दाना चावल अलग से अर्पित करें. पूजन करें.
जो चावल प्रतिमा के नीचे रखे हैं भाद्रपद अमावस्या पर उन्हें पक्षियों को चुगने डाल दें. धन प्राप्त होने की राह बनेगी. इसके बाद शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को खीर बनाकर लक्ष्मी जी को नैवेघ रूप से अर्पित करें. मान्यता है इससे देवी लक्ष्मी घर में वास करती हैं और धन की समस्या का अंत होता है. पूर्वजों भी प्रसन्न रहते हैं.
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