शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने SME में इनवेस्टमेंट को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। रेगुलेटर ने इस सिलसिले में एडवाइजरी जारी कर निवेशकों को सावधान किया है। हाल में छोटी-छोटी कंपनियों के IPO को जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला है। सेबी ने निवेशकों को ऐसी कंपनियों से सावधान रहने की सलाह दी है, जो अपने बारे में अव्यावहारिक तरीके से शानदार तस्वीर बयां करती हैं। साथ ही, अफवाहों या सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सलाह से भी बचने को कहा है।
रेगुलेटर की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि लिस्टिंग के बाद कुछ SME कंपनियां या उनके प्रमोटर ऐसी चीजें बता रहे हैं, जो उनके ऑपरेशंस की अवास्तविक तस्वीर पेश करती हैं। सेबी का कहना था कि वह पहले भी ऐसी इकाइयों के खिलाफ आदेश जारी कर चुका है। रेगुलेटर ने कहा, ‘इस तरह के ऐलान आम तौर पर बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट, प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट आदि गतिविधियों के साथ किए जाते हैं और इन प्रलोभनों के आधार पर निवेशक स्टॉक खरीदते हैं।’
हाल में कई छोटी कंपनियों को मिले जबरदस्त सब्सक्रिप्शन को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई की गई है। इस हफ्ते सुर्खियों में रहने वाली ऐसी ही एक कंपनी रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल है, जिसके IPO को 419 गुना सब्सक्रिप्शन मिला और इसके लिए 4,800 करोड़ रुपये की बिड मिली। स्टॉक एक्सचेंजों का स्मॉल एंड मीडियम टर्म एंटरप्राइजेज (SME) प्लेटफॉर्म 2012 में लॉन्च किया गया था, ताकि नए बिजनेस के लिए फंड जुटाने की खातिर वैकल्पिक स्रोत का इंतजाम किया जा सके।
इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से SME इश्यू और निवेशकों की भागीदारी में लगातार बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक दशक में इस प्लेटफॉर्म के जरिये 14,000 करोड़ रुपये जुटाए गए, जिनमें से तकरीबन 6,000 करोड़ रुपये फिस्कल ईयर 2024 में ही जुटाए गए।
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